बिहार के बाद पश्चिम बंगाल में भी SIR की कवायद, जानें कब से शुरू होगी तैयारियां

पश्चिम बंगाल में मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय ने 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं. गुरुवार को, मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय ने चुनाव जनशक्ति प्रबंधन प्रणाली (ईएमएमएस) पोर्टल लॉन्च किया. शुक्रवार से, इस नए ईएमएमएस 2.0 पोर्टल का उपयोग राज्य भर के लगभग 32,000 कार्यालयों से मतदान कर्मियों की सूची तैयार करने के लिए किया जाएगा.

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कोलकाता:

एक तरफ बिहार में एसआईआर के मुद्दे पर पहले ही बवाल मचा हुआ है. दूसरी तरफ खबर आ रही है कि अब पश्चिम बंगाल में भी एसआईआर की तैयारियां शुरू हो गई है. पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी ने लक्ष्मी पूजा (6 अक्टूबर) के बाद राज्य में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. सीईओ कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, यह प्रक्रिया पूरे देश में होगी. बंगाल में 2002 के एसआईआर आंकड़ों का जनवरी 2025 की मतदाता सूची से मिलान कल पूरा हो जाएगा.

विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू

इससे पहले, पश्चिम बंगाल में मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय ने 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं. गुरुवार को, मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय ने चुनाव जनशक्ति प्रबंधन प्रणाली (ईएमएमएस) पोर्टल लॉन्च किया. शुक्रवार से, इस नए ईएमएमएस 2.0 पोर्टल का उपयोग राज्य भर के लगभग 32,000 कार्यालयों से मतदान कर्मियों की सूची तैयार करने के लिए किया जाएगा. राज्य में लगभग 14,000 अतिरिक्त बूथों की वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे बूथ-स्तरीय अधिकारियों की भारी कमी होने की आशंका है.

बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की नियुक्ति

मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय ने इस कमी पर चिंता व्यक्त की है. इस समस्या के समाधान के लिए, कई चुनाव कर्मचारियों को पहले ही बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के रूप में नियुक्त किया जा चुका है. ऐसे में सभी 32,000 कार्यालयों को अपने कर्मचारियों के नाम ईएमएमएस 2.0 पोर्टल पर अपलोड करने होंगे. यदि कोई भी अधिकारी अपने कर्मचारियों का विवरण अपलोड करने में विफल रहता है, तो चुनाव आयोग जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा और उन्हें पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया जाएगा.

आला अधिकारी की होगी जिम्मेदारी

कार्यालय के सर्वोच्च पदस्थ अधिकारी को जवाबदेह ठहराया जाएगा. यह पोर्टल जिला प्रशासन के लिए चुनावी जनशक्ति के प्रबंधन, जिसमें कर्मचारियों की भर्ती, स्थानांतरण, संपादन और सत्यापन शामिल है, उसके लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा. यह चुनाव से संबंधित कर्मचारियों के डेटा के प्रबंधन और नए कर्मचारियों को जोड़ने की अनुमति देगा. इसके अतिरिक्त, विशिष्ट कारणों से सेवानिवृत्त या स्थानांतरित होने वाले कर्मचारियों को इस पोर्टल के माध्यम से सिस्टम से हटाया जा सकता है. यह जानकारी जिला और ब्लॉक-स्तरीय प्रकोष्ठों द्वारा दर्ज की जाएगी.

डेटाबेस बनाने पर विचार

एसआईआर अभ्यास से पहले, चुनाव आयोग राज्य में चुनावी कर्मचारियों या अधिकारियों की संख्या पर नज़र रखने और कर्मचारियों की वास्तविक संख्या का डेटा एकत्र करने के लिए एक डेटाबेस बनाने पर विचार कर रहा है. चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा शुक्रवार से नया ईएमएमएस 2.0 पोर्टल लॉन्च किया जाएगा. यह पोर्टल एनआईसी और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की संयुक्त पहल पर विकसित किया गया है. इसका उद्घाटन एनआईसी के संयुक्त निदेशक सैकत नारायण भट्टाचार्य और संयुक्त निदेशक शमिक कुमार भट्टाचार्य के साथ राज्य के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरिंदम नियोगी और उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुमंत रे ने किया.

अब देखना यह है कि चुनाव आयोग तकनीक का सहारा लेकर 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव कार्यकर्ताओं की सूची कितनी जल्दी तैयार कर पाता है.

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