तृममूल कांग्रेस (Trinamool Congress) सांसद सुदीप बंदोपाध्याय के नेतृत्व में पार्टी के आठ सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को निर्वाचन आयोग से वह नियम फिर से लागू करने की अपील की, जिसके तहत पोलिंग एजेंट का उस मतदान केंद्र का मतदाता होना अनिवार्य था, जहां का उसे एजेंट बनना होता था. उल्लेखनीय है कि आयोग ने पिछले सप्ताह पोलिंग एजेंट के लिए नियमों में संशोधन करने का निर्णय लिया, जिसके तहत कोई भी दल उस विधानसभा क्षेत्र के अंदर के किसी भी व्यक्ति को मतदान एजेंट नियुक्त कर सकता है, जो उस क्षेत्र का मतदाता हो.
बंदोपाध्याय ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आरिज आफताब के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि जिस जगह मतदान केंद्र है, वहीं के स्थानीय व्यक्ति को ही राजनीतिक दल का पोलिंग एजेंट नियुक्त किया जाना चाहिए, ‘‘जैसा कि पहले होता था.''
उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी के ज्ञापन देने के बाद निर्वाचन आयोग ने उसी स्थान से पोलिंग एजेंट नियुक्त किए जाने की पुरानी परंपरा को बदल दिया है और इससे पहले चरण में मतदान केंद्रों में काफी समस्याएं आईं, क्योंकि एजेंट एक-दूसरे को जानते ही नहीं हैं.''
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बंदोपाध्याय ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से अपील की है कि वह उसी स्थान से पोलिंग एजेंट नियुक्त करने के नियम को पुन: लागू करे, जहां मतदान केंद्र है, जिससे शेष सात चरणों में सुचारू और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित होगा. तृणमूल की मांग पर आयोग की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘सीईओ ने हमारी बात सुनी, लेकिन उन्होंने कुछ खास नहीं कहा.''
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें आयोग से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारा काम उनके सामने समस्याओं को उठाना है. हम लोकतांत्रिक परंपराओं में भरोसा रखते हैं." समर्थन खोने के कारण तृणमूल के परिणाम से डरे होने संबंधी बीजेपी के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘2 मई के बाद साफ हो जाएगा कि लोगों की पसंद क्या है.''
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