पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती शुरू हो गई है. 27 मार्च को पहले चरण का चुनाव देखते हुए 495 कंपनियां पश्चिम बंगाल पहुंच चुकी हैं, जिनमें करीब 35 हजार जवान हैं. इनमें बड़ी संख्या में (CRPF) के जवान शामिल हैं.
सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने NDTV को बताया कि बंगाल में पहले चरण के विधानसभा चुनाव के लिये 725 कंपनी तैनात होंगी. इसमें करीब 52 हजार जवानों को चुनाव ड्यूटी पर लगाया जा सकता है. इसमें सीआरपीएफ की अभी तक 495 कंपनी बंगाल पहुंच चुकी हैं. इनमें सीआरपीएफ की 350 से 370 कंपनी तैनात होंगी.
बंगाल में 8 चऱणों में विधानसभा चुनाव कराया जा रहा है. कुलदीप सिंह ने कहा कि अर्धसैनिक बल चुनाव आयोग के निर्देश पर ही काम करते हैं. सब से मिलकर ही रूपरेखा तैयार करते है और यह देखा जाता है कि कहां असामाजिक तत्व हैं. चुनाव के पहले तैनाती का उद्देश्य यह है कि मतदाता के मन मे विश्वास हो और वो बिना डरे वोट डाल सके.
सीआरपीएफ के डीजी ने कहा, बंगाल की जनता बहुत जागरूक है और कोई भी अपना इलाका छोड़ना नही चाहती है. इसलिए हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. हम सतर्क हैं ताकि हिंसा ना हो. बंगाल सरकार से भी बेहतर तालमेल है और कोई समस्या नही है. काम करने में कोई दिक्कत नही है.
इस आरोप के अर्धसैनिक बल केंद्र के इशारे पर काम करते हैं, तो डीजी ने कहा कि यह राजनीतिक बयान है कोई कमेंट नही, राजनीतिक पार्टी का बोलने का अपना उद्देश्य है और हम अपने क्षेत्राधिकार के हिसाब से काम करते हैं.