मिशन बंगाल के लिए BJP ने तैयार की रणनीति, इन मंत्रियों को मिली बड़ी जिम्मेदारी

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत का परचम लहराने की योजना बना कर रही बीजेपी ने शाह की दौरे से पहले अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है.

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शाह के दौरे से पहले बीजेपी ने बंगाल को लेकर अपनी रणनीति को अंतिम रूप दिया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के पश्चिम बंगाल दौरे से पहले बीजेपी (BJP) ने राज्य के विधानसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है. मिशन बंगाल के तहत, केंद्र और राज्य के आठ मंत्रियों को पश्चिम बंगाल (West Bengal) की अलग-अलग लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई है. राज्य में 42 लोकसभा सीटे हैं, जिनमें से 18 बीजेपी के पास हैं. बीजेपी ने राज्य की 293 में से 200 विधानसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. 

जिन मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनमें जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा, संस्कृति राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल, शिपिंग राज्य मंत्री मनसुख भाई मंडाविया, पशुपालन राज्य मंत्री संजीव बालियान, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, और मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र शामिल हैं. 

इन सभी मंत्रियों से कहा गया है कि वे विधानसभा चुनाव होने तक हर महीने 10-15 दिन अपने प्रभार वाली लोकसभा सीटों पर बिताएं और वहां संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करें. मंत्रियों का काम स्थानीय कार्यकर्ताओं से संपर्क करना, उन लोकसभा सीटों के तहत आने वाली विधानसभा सीटों के प्रमुख मुद्दों को रेखांकित करना तथा संभावित उम्मीदवारों की पड़ताल करना है. 

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गृह मंत्री अमित शाह दो दिनों के पश्चिम बंगाल दौरे में इन सभी मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे. शाह इनकी जिम्मेदारियों को तय करेंगे. इनकी एक प्रमुख जिम्मेदारी केंद्रीय पार्टी नेतृत्व के साथ समन्वय स्थापित करना भी है. ये सभी मंत्री अमित शाह, जे पी नड्डा और संगठन महासचिव बी एल संतोष को रिपोर्ट करेंगे. 

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केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल को सबसे अधिक छह लोक सभा सीटों का प्रभार दिया गया है. यह लोकसभा हैं- कूचबिहार, अलीपुरदार, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, रायगंज और बलूरघाट. अन्य मंत्रियों को पांच-पांच लोक सभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौपी गई है. 

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गजेंद्र सिंह शेखावत को बोनगांव, दमदम, बारसाट, कोलकाता दक्षिण और कोलकाता उत्तर का दायित्व दिया गया है. अर्जुन मुंडा झारग्राम, मेदिनीपुर, पुरलिया, बांकुरा और बिशनपुर के प्रभारी बनाए गए हैं. संजीव बालियान को जांगीपुर, बहरामपुर, मुर्शिदाबाद, कृष्णानगर और रानाघाट की जिम्मेदारी दी गई है. मनसुख भाई मंडाविया को माल्दा उत्तर, माल्दा दक्षिण, तामलुक, कांठी और घाटल का दायित्व दिया गया. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को बैरकपुर, बशीरहाट, जायनगर, माथुरपुर और डायमंड हार्बर का प्रभारी बनाया गया है. केशव प्रसाद मौर्य हाव़ड़ा, उलबेरिया, श्रीरामपुर, हुगली और आरामबाग के प्रभारी होंगे. नरोत्तम मिश्र को वर्धमान पूर्व, वर्धमान दुर्गापुर, आसनसोल, बोलपुर और बीरभूम का प्रभारी बनाया गया है. 

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हालांकि, इन मंत्रियों को दी गई इस बड़ी जिम्मेदारी पर पार्टी के भीतर से सवाल भी उठे हैं. कुछ पार्टी नेताओं का मानना है कि अर्जुन मुंडा जैसे मंत्री को छोड़कर बाकियों के लिए पश्चिम बंगाल में काम करना आसान नहीं होगा क्योंकि वे वहां की राजनीति और स्थानीय समीकरणों से परिचित नहीं हैं. मुंडा बंगाल से सटी झारखंड की सीटों पर काम करते रहे हैं. कुछ नेता यह भी कहते हैं कि मंत्रियों पर पहले ही काम का बहुत बोझ है. ऐसे में उनके लिए महीने में दस-पंद्रह दिन पश्चिम बंगाल के लिए निकालने में शायद परेशानी हो.

वीडियो: अमित शाह के बंगाल दौरे से पहले TMC में भगदड़

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