पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के पांचवें चरण में शनिवार को हिंसा की घटनाओं और एक प्रत्याशी पर हमले के बीच 78 प्रतिशत से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया. निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि दक्षिण बंगाल के उत्तर 24 परगना, पूर्वी बर्धमान और नादिया जिले तथा उत्तर के जलपाईगुड़ी, दार्जीलिंग व कलिम्पोंग जिलों में फैली 45 सीटों पर हो रहे चुनावों में शाम पांच बजे तक 1.13 करोड़ मतदाताओं में से 78.36 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा 81.73 प्रतिशत मतदान जलपाईगुड़ी जिले में देखने को मिला, उसके बाद पूर्वी बर्धमान (81.72 प्रतिशत), नादिया (81.57 प्रतिशत), उत्तर 24 परगना (74.83 प्रतिशत), दार्जीलिंग (74.31 प्रतिशत) और कलिमपोंग (69.56 प्रतिशत) हैं. अधिकारी ने कहा, “हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर बंगाल में चुनाव लगभग शांतिपूर्ण रहा.”
निर्वाचन कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा कर्मियों ने कड़ी सुरक्षा बरती और हमारे द्वारा बताई गई कुछ घटनाओं पर कार्रवाई की. उत्तर 24 परगना जिले के देगांगा विधानसभा क्षेत्र के कुरुलगाचा इलाके में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि एक मतदान केंद्र के नजदीक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए केंद्रीय बलों को गोलियां चलानी पड़ीं. बहरहाल, केंद्रीय बलों ने आरोपों से इंकार किया. केंद्रीय बल के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘देगांगा में कहीं भी गोलीबारी की कोई घटना नहीं हुई है.''
एक अधिकारी ने कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने पर्यवेक्षक से रिपोर्ट मांगी है. अधिकारी ने बताया, ‘‘देगांगा के कुरुलगाची में एक मतदान केंद्र के पास इकठ्ठा हुए ग्रामीणों के एक समूह को हटाने के लिए केंद्रीय बलों द्वारा गोलीबारी के संबंध में हमें मीडिया से वीडियो फुटेज मिला है. हमने पर्यवेक्षक से रिपोर्ट मांगी है.'' विधानसभा क्षेत्र के हारोअ इलाके में केंद्रीय बलों और तृणमूल कांग्रेस समर्थकों के बीच झड़प की खबर है. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और कमरहाती सीट से उम्मीदवार राजू बनर्जी पर कथित तौर पर उनके क्षेत्र में टीएमसी समर्थकों द्वारा हमला किया गया. बनर्जी ने दावा किया कि उनकी कार पर ईंटों से हमला किया गया और इसमें उनकी उंगली में चोट आई है.
टीएमसी ने घटना से इनकार किया है. बिधाननगर के शांतिनगर क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प हो गई और दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर मतदाताओं को मतदान के लिए जाने से रोकने का आरोप लगाए. अधिकारियों ने बताया कि कार्यकर्ताओं ने ईंट और पत्थर फेंके जिसमें आठ लोग घायल हो गए.
उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए केंद्रीय बलों की एक टुकड़ी घटनास्थल पर भेजी गयी. तृणमूल विधायक सुजीत बोस और भाजपा के प्रत्याशी सब्यसाची दत्ता ने स्थिति का जायजा लेने के लिए घटनास्थल का दौरा किया. बारानगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार और अभिनेत्री पर्णो मित्रा का टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर उस समय घेराव किया जब वह क्षेत्र का भ्रमण कर रही थीं.
टीएमसी ने आरोपों से इंकार किया है और दावा किया है कि मतदान के दिन वह मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास कर रही थीं. मित्रा ने आरोप लगाए कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदतमीजी की जिसके बाद उन्होंने चुनाव आयोग में शिकायत की. नादिया जिले के शांतिपुर में टीएमसी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय बल के कर्मी मतदाताओं से लौटने को कह रहे थे, अधिकारियों ने हालांकि आरोपों को बकवास करार दिया.
पार्टी ने यह भी दावा किया कि बर्धमान उत्तर क्षेत्र में एक मतदान बूथ पर भाजपा ने कब्जा कर लिया. भगवा दल ने इस आरोप को खारिज किया और निर्वाचन अधिकारियों ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया है. कल्याणी में मतदाताओं को कथित तौर पर बूथ तक नहीं जाने देने पर भिड़े टीएमसी और भाजपा कार्यकर्ताओं को खदेड़ने के लिये पुलिस और केंद्रीय बलों को लाठीचार्ज करना पड़ा. गयासपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदान के बाद घर लौट रहा एक भाजपा कार्यकर्ता कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा उस पर फेंके गए बम की वजह से गंभीर रूप से घायल हो गया.
टीएमसी ने आरोपों से इनकार किया है और क्षेत्र में व्यवस्था कायम करने के लिये बड़ी संख्या में केंद्रीय बलों को भेजा गया. स्थानीय लोगों ने भाजपा समर्थकों के साथ बाद में टीएमसी समर्थकों के घर में तोड़फोड़ की. उत्तर 24 परगना के बिजपुर में विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि मतदाताओं को मतदान केंद्र पर जाने नहीं दिया जा रहा है जिसके बाद तृणमूल और भाजपा समर्थकों में झड़प हुई. भाजपा ने यह आरोप भी लगाया कि उसी जिले में मिनखा विधानसभा क्षेत्र में उसके कुछ बूथ एजेंटों का टीएमसी द्वारा अपहरण कर लिया गया है. मतदाताओं ने आरोप लगाया कि दोपहर बाद उन्हें मतदान केंद्रों में जाने नहीं दिया जा रहा. बाद में बड़ी संख्या में केंद्रीय बलों के मौके पर पहुंचने के बाद शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित हो पाया. तृणमूल की ओर से कहा गया कि भाजपा के पास सभी बूथों पर तैनात करने के लिए पर्याप्त संख्या में एजेंट नहीं हैं इसलिए इस प्रकार का निराधार आरोप लगाया जा रहा है.
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