बंगाल BJP में भितरघात? कहीं कैंडिडेट के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन, तोड़फोड़ तो कहीं प्रत्याशी ने लौटाए टिकट

TMC से BJP में आए विधायकों अरिंदम भट्टाचार्य और जितेन्द्र तिवारी को भी टिकट दिया है. भट्टाचार्य जगतादल से चुनाव लड़ेंगे, वहीं तिवारी पांडावेश्वर से दमखम ठोकेंगे. अरिंदम के टिकट का एलान होते ही जगतादल में भी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की. इसके अलावा मालदा के हरिश्चंद्रपुर और ओल्ड मालदा इलाके में भी कैंडिडेट के नाम पर खूब विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं.

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बीजेपी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए 148 उम्मीदवारों की नई सूची जारी की थी.
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनावों में राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के लिए केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी बड़ी चुनौती बनकर उभरी है लेकिन बीजेपी के अंदरखाने ही भितरघात का खेल चल रहा है. कई क्षेत्रीय नेता और कार्यकर्ता ऐसे हैं जो टिकट बंटवारे से नाराज हैं और पार्टी द्वारा उतारे गए कैंडिडेट का खुलकर विरोध कर रहे हैं. हालात ऐसे रहे कि  कार्यकर्ताओं के भारी विरोध के बाद BJP को अलीपुरद्वार से अपना उम्मीदवार बदलना पड़ा है.

बीजेपी ने यहां से प्रख्यात अर्थशास्त्री अशोक लाहिड़ी को उतारा था लेकिन उनके नाम का ऐलान होते ही पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं ने विरोध-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. उग्र लोगों ने तोड़फोड़ भी की. बीजेपी के जिलाध्यक्ष ने तक कह दिया कि वो लाहिड़ी को नहीं जानते, इसके बाद लाहिड़ी की जगह जिला महासचिव कांजीलाल को टिकट दिया गया.

बीजेपी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए 148 उम्मीदवारों की नई सूची जारी की थी. इसमें दूसरे दलों से  आए करीब 20 लोगों को टिकट दिया गया है. पार्टी के कई क्षेत्रों के कार्यकर्ता दूसरे दलों से आए नेताओं को टिकट बंटवारे में महत्व मिलने से नाराज हैं और अनेक स्थानों पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं. पार्टी के कई नेताओं ने इसके विरोध में इस्तीफा तक दे दिया है.

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बीजेपी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकल रॉय, सांसद जगन्नाथ सरकार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा और लोक गायक असीम सरकार को भी चुनावी रण में उतारा है. मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांग्सु, राज्य की महिला मोर्चा की अध्यक्ष अग्निमित्र पॉल, फिल्मी हस्तियों रुद्रनील घोष, सराबंती चट्टोपाध्याय और पार्नो मित्रा को भी पार्टी ने टिकट दिया है. शुभ्रांग्सु ने पिछले विधान सभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी. वहीं  मुकुल रॉय लगभग दो दशक के बाद चुनावी मैदान में उतरे हैं. वह नदिया जिले के कृष्णानगर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से ताल ठोकेंगे. यहां मतुआ समाज के मतदाताओं की अच्छी खासी तादाद है. इससे पहले वह 2001 में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव हार चुके हैं. तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता रॉय रेल मंत्री भी रह चुके हैं.

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TMC से BJP में आए विधायकों अरिंदम भट्टाचार्य और जितेन्द्र तिवारी को भी टिकट दिया है. भट्टाचार्य जगतादल से चुनाव लड़ेंगे, वहीं तिवारी पांडावेश्वर से दमखम ठोकेंगे. अरिंदम के टिकट का एलान होते ही जगतादल में भी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की. इसके अलावा मालदा के हरिश्चंद्रपुर और ओल्ड मालदा इलाके में भी कैंडिडेट के नाम पर खूब विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं.

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पार्टी ने पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा की पत्नी शिखा मित्रा और तृणमूल कांग्रेस विधायक माला साहा के पति तरुण साहा को भी उम्मीदवार बनाया है. हालांकि भाजपा को उस समय फजीहत का सामना करना पड़ा जब शिखा मित्रा और तरुण साहा ने भाजपा की उम्मीदवारी स्वीकार करने से इनकार कर दिया. शिखा मित्रा ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि भाजपा की सूची में मेरा नाम कैसे आ गया. मैं कांग्रेस के साथ हूं और रहूंगी.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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