- साल 2023 के बाद से भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के चार ध्रुव हेलिकॉप्टर क्रैश हो चुके हैं.
- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. के प्रमुख का दावा है कि तीन हादसों के लिए HAL जिम्मेदार नहीं है.
- सेना-वायुसेना के ध्रुव हेलीकॉप्टरों को हरी झंडी मिल चुकी है, नेवी के चॉपर्स की जांच चल रही है.
2023 के बाद से भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के चार ध्रुव हेलिकॉप्टर क्रैश हो चुके हैं. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. डी.के. सुनील का कहना है कि इनमें से तीन हादसों के लिए HAL को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. NDTV को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उन्होंने दावा किया कि इन दुर्घटनाओं के पीछे ऑपरेशन या रखरखाव से जुड़ी समस्याएं थीं.
सेना के पास 338 ध्रुव हेलीकॉप्टर
ध्रुव हेलीकॉप्टर भारतीय सेना के लिए काफी महत्वपूर्ण हेलीकॉप्टर हैं. इनके लगातार दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, पूरे बेड़े को ग्राउंड कर दिया गया था. 2023 के बाद यह तीसरी बार था, जब इनकी पूरी फ्लीट को जांच पूरी होने तक उड़ान से रोका गया. हालांकि अब सेना और वायुसेना के ध्रुव हेलीकॉप्टरों को उड़ान की मंजूरी दी जा चुकी है. नेवी के ध्रुव हेलीकॉप्टरों की जांच चल रही है. भारतीय सेना के पास अभी करीब 338 ध्रुव हेलीकॉप्टर हैं.
3 नेवी, 1 कोस्ट गार्ड का चॉपर क्रैश
डॉ. सुनील ने NDTV को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि जो चार दुर्घटनाएं हुई थीं, उनमें से तीन कोस्ट गार्ड और एक नौसेना में हुई थीं. इनमें से तीन हादसे मैन्यूफैक्चरिंग या डिजाइन संबंधी खामियों के कारण नहीं हुए थे. इसकी वजह कुछ और थी. इसके पीछे या तो मेंटिनेंस या फिर ऑपरेशन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं.
ध्रुव हेलीकॉप्टर का सबसे हालिया हादसा 5 जनवरी 2025 को कोस्ट गार्ड में हुआ था. जांच से पता चला कि इसकी वजह एक महत्वपूर्ण पुर्जे नॉन रोटेटिंग स्वैशप्लेट बियरिंग (NRSB) का टूटना था. यह हेलीकॉप्टर के रोटर सिस्टम का एक हिस्सा होता है, जो हेलीकॉप्टर की दिशा और स्थिरता को नियंत्रित करता है.
2023 के बाद हुए प्रमुख हादसे
- 8 मार्च, 2023: नौसेना का ध्रुव Mk-III हेलीकॉप्टर मुंबई तट के पास इमरजेंसी लैंडिंग में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. सभी तीनों क्रू मेंबर सुरक्षित रहे.
- 26 मार्च, 2023: तटरक्षक बल का ALH ध्रुव Mk-III हेलीकॉप्टर कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास प्रशिक्षण उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
- 2 सितंबर, 2024: कोस्ट गार्ड के 835 स्क्वॉड्रन का एक हेलीकॉप्टर गुजरात के पोरबंदर तट के पास इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान अरब सागर में गिर गया. इस हादसे में चालक दल के तीन सदस्यों की मौत हो गई थी.ये महज दो साल पुराना हेलीकॉप्टर था.
- 5 जनवरी, 2025: इसी कोस्ट गार्ड स्क्वाड्रन का एक और Mk III हेलीकॉप्टर पोरबंदर एयर एन्क्लेव में एक प्रशिक्षण उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें दो पायलटों और एक एयर क्रू डाइवर की जान चली गई.
आर्मी, एयरफोर्स हेलीकॉप्टरों को हरी झंडी
HAL प्रमुख ने बताया कि नेवी और कोस्ट गार्ड के हेलीकॉप्टरों तथा वायुसेना के हेलीकॉप्टरों में फर्क होता है. हमने सभी गियर बॉक्स मंगवाकर चेक कराए थे कि क्या उनमें कोई क्रैक वगैरा तो नहीं है, हमें ऐसा कुछ नहीं मिला. चूंकि सेना और वायु सेना के ध्रुव हेलीकॉप्टरों में ऐसी कोई खामी नहीं थी, इसलिए उन्हें उड़ान भरने की मंजूरी दे दी गई है.
नेवी के हेलीकॉप्टरों की जांच जारी
डॉ. सुनील ने बताया कि दुर्घटना की जांच के लिए एक कमिटी बनाई गई है. नौसेना के ध्रुव हेलीकॉप्टर में हमने यह देखने के लिए गहन जांच कराई गई कि क्या पुर्जों में जंग लगने या खिंचाव जैसी कोई दिक्कत तो नहीं थी. HAL ने विशाखापत्तनम में खराब मौसम में डेक लैंडिंग का परीक्षण भी किया. उन्होंने उम्मीद जताई कि जांच समिति इस महीने के अंत तक अपनी रिपोर्ट दे देगी. उससे पता चलेगा कि असली समस्या क्या है. तब तय किया जाएगा कि आगे क्या करना है.
6-7 महीने से पहले वापसी की उम्मीद नहीं
नेवी और कोस्ट गार्ड के ध्रुव हेलीकॉप्टरों को फिर से सर्विस में आने में अभी कुछ महीने लग सकते हैं क्योंकि हर हेलीकॉप्टर के गियरबॉक्स की जांच और ओके रिपोर्ट जरूरी होगी. डॉ. सुनील ने संभावना जताई है कि इसमें छह से सात महीने का समय लग सकता है. नौसेना और तटरक्षक बल के पास ध्रुव के 29 वेरिएंट हैं. इनमें से कोस्ट गार्ड के 3 और नेवी का एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो चुका है.