दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी, हरियाणा ने यमुना में छोड़ा एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, दिल्ली में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 153 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सर्वाधिक बारिश है. चंडीगढ़ और अंबाला में रिकॉर्ड क्रमश: 322.2 मिलीमीटर और 224.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई.

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हथिनीकुंड बराज से यमुना नदी में एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया, बाढ़ की चेतावनी जारी
नई दिल्‍ली:

उत्‍तर भारत के ज्‍यादा राज्‍यों में 'जल प्रलय' जैसे हालात हैं. दिल्‍ली और आसपास के राज्‍य भी इससे अछूते नहीं हैं. ऐसे में दिल्‍ली के लिए एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है. दिल्ली सरकार ने हरियाणा द्वारा हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के बाद रविवार को बाढ़ की चेतावनी जारी की. सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने एक आदेश में कहा कि शाम चार बजे हथिनीकुंड बैराज से 1,05,453 क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़े जाने के चलते पहली चेतावनी जारी की गई है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को कहा कि भारी वर्षा के कारण कौशल्या बांध में जलस्तर ‘बहुत' बढ़ गया है.

आम तौर पर, बराज पर प्रवाह दर 352 क्यूसेक है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा से पानी का बहाव बढ़ जाता है. बराज से पानी दिल्ली पहुंचने में करीब दो से तीन दिन लगते हैं. विभाग के मुताबिक, बाढ़ के खतरे के मद्देनजर अधिकारियों को सतर्क रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया गया है. नदी के तटबंध के आसपास रहने वाले लोगों को जागरूक और आगाह करने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया दलों को भी तैनात किया गया है.

दिल्ली सरकार ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों और यमुना के जलस्तर की निगरानी के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष सहित 16 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं. वहीं, दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और इसके मंगलवार को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार करने की आशंका है. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के बाढ़ निगरानी पोर्टल के अनुसार, ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर रविवार अपराह्न एक बजे 203.18 मीटर था, जबकि खतरे का स्तर 204.5 मीटर है.

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सीडब्ल्यूसी ने एक परामर्श में कहा कि मंगलवार को सुबह 11 बजे से अपराह्न एक बजे के बीच जलस्तर 205.5 मीटर तक बढ़ने की आशंका है. उत्तर-पश्चिम भारत में पिछले दो दिन से लगातार बारिश हो रही है. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कई इलाकों में ‘भारी से बहुत भारी' बारिश दर्ज की गई है.

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, दिल्ली में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 153 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सर्वाधिक बारिश है। चंडीगढ़ और अंबाला में रिकॉर्ड क्रमश: 322.2 मिलीमीटर और 224.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. दिल्ली में यमुना नदी के पास स्थित निचले इलाके बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील माने जाते हैं और वहां करीब 37,000 लोग रहते हैं.

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को कहा कि भारी वर्षा के कारण कौशल्या बांध में जलस्तर ‘बहुत' बढ़ गया है तथा 4000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. खट्टर पंचकूला की उपायुक्त प्रियंका सोनी समेत वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ स्थिति का आकलन करने के लिए बांध का दौरा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों से भारी वर्षा हो रही है जिससे कौशल्या बांध में जलस्तर ‘‘बहुत'' बढ़ गया है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि बढ़े हुए पानी का प्रबंधन करने के लिए बांध के द्वारों को खोल दिया गया है तथा 4000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि यमुनानगर जिले में हथिनी कुंड बैराज से भी एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. उनके अनुसार, राज्य ने 3,00,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का अलर्ट जारी किया है. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि हरियाणा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है चाहे वह वर्षा के कारण उत्पन्न हो या तटबंध क्षेत्रों में पानी के प्रवाह से. उन्होंने माना कि कुछ क्षेत्रों में एक-दो घंटे के लिए जलजमाव हो गया लेकिन फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है.

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