हमें ये नहीं सोचना चाहिए कि कोविड खत्म हो गया हैः मनसुख मंडाविया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने 'हर घर दस्तक' अभियान को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री की मोप-अप रणनीतियों को दोहराया. जिसमें गांवों में अग्रिम रूप से 'प्रचार टोली' तैनात करना शामिल है.

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नई दिल्ली:

केंद्र ने आज स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ 'हर घर दस्तक' अभियान को मजबूत करने पर चर्चा की. बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने कहा कि हमें ये नहीं सोचना चाहिए कि कोविड (Covid-19) खत्म हो गया है. विश्व स्तर पर मामले बढ़ रहे हैं. राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से उन्होंने कहा कि हर घर दस्तक अभियान की प्रतिदिन निगरानी की जा रही है. 80 प्रतिशत से ज्यादा टीकाकरण के बावजूद सिंगापुर, ब्रिटेन, रूस, चीन जैसे देशों में मामले बढ़ रहे हैं. मनसुख मंडाविया ने राज्यों से कहा कि किसी की टीके की डोज ना छूटे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों के सभी स्वास्थ्य मंत्रियों से सामूहिक कोशिशों के लिए कहा कि ये सुनिश्चित करें कि कोई भी COVID-19 टीकों के बिना न रहे.

केंद्र ने राज्यों को जरूरी वैक्सीन आपूर्ति का आश्वासन दिया. मंडाविया ने कहा कि देश में टीकों की कोई कमी नहीं है. इसके अलावा इस मीटिंग में कोविड नियमों के पालन पर जोर दिया गया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस बैठक में  बताया कि वर्तमान में 79% वयस्क आबादी को COVID-19 वैक्सीन की पहली खुराक मिली है और 38% योग्य आबादी को दूसरी खुराक मिली है. 12 करोड़ से ज्यादा लोगों को COVID-19 वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगी है. मंडाविया ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से ये सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि 'हर घर दस्तक' अभियान के दौरान सभी वयस्क आबादी को पहली खुराक के साथ कवर किया जाए, इसके साथ ही  दूसरी डोज भी प्रमुखता के साथ कवर की जाए.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने 'हर घर दस्तक' अभियान को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री की मोप-अप रणनीतियों को दोहराया. जिसमें गांवों में अग्रिम रूप से 'प्रचार टोली' तैनात करना शामिल है. जो जागरूकता अभियानों के साथ-साथ 'टीकाकरण' के बाद पात्र आबादी को जुटाना और परामर्श देना सुनिश्चित करेगा. 'प्रचार टोली' यह सुनिश्चित करेगी कि सभी पात्र नागरिकों को पहली और दूसरी खुराक का टीका लगाया जाए.

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स्वास्थ्य मंत्री ने सुझाव दिया कि बस स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों जैसी जगहों पर विशेष रूप से बड़े महानगरों में COVID टीकाकरण केंद्र शुरू किया जाए. क्योंकि ये बड़ी संख्या में लोगों के शहर में प्रवेश करने के प्राथमिक बिंदु हैं. कुछ राज्यों ने 'रोको और टोको' अभियान शुरू किया है, जहां बसों, ट्रेनों, रिक्शा आदि से उतरने वाले यात्रियों को वैक्सीन की खुराक लेने के लिए प्रेरित किया जाता है.

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