'हम तालिबान राज्य नहीं' : जंतर-मंतर पर कथित हेट स्पीच केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा

दिल्ली के जंतर-मंतर पर मुस्लिम विरोधी नारेबाजी और भड़काऊ टिप्पणी के मामले में बीजेपी नेता अश्वनी उपाध्याय समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था.

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नई दिल्ली:

जंतर मंतर पर कथित हेट स्पीच देने के मामल में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पिंकी चौधरी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. आदेश में कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि 'हम तालिबान राज्य नहीं हैं. हमारे बहुसांस्कृतिक समाज में कानून के शासन का पवित्र सिद्धांत है. जबकि पूरा भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, कुछ लोग अभी भी असहिष्णुता से बंधे हैं.'

साथ ही कोर्ट ने कहा, कथित मामले के अपराध में आरोपी की संलिप्तता प्रथम दृष्टया न्यायालय के समक्ष रखी गई सामग्री से स्पष्ट है - आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, इतिहास अछूता नहीं है जहां ऐसी घटनाओं ने सांप्रदायिक तनाव को जन्म दिया है. जिससे दंगे हुए हैं और आम जनता की जान-माल की क्षति हुई है.

बता दें, दिल्ली के जंतर-मंतर पर मुस्लिम विरोधी नारेबाजी और भड़काऊ टिप्पणी के मामले में बीजेपी नेता अश्वनी उपाध्याय समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों में  विनोद शर्मा, दीपक सिंह, दीपक, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह शामिल हैं. प्रीत सिंह सेव इंडिया फाउंडेशन का निदेशक है. इसी के बैनर तले भारत छोड़ो आंदोलन नाम का कार्यक्रम जंतर-मंतर पर किया गया था. जंतर-मंतर पर अश्विनी उपाध्याय के कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों ने अभद्र आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थी.

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