एयर इंडिया में ऊंची उड़ान भरने की संभावनाएं हैं. इसे एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन बनाने के प्रयास लगातार जारी हैं. एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कैंपबेल विल्सन ने एनडीटीवी एक एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि हम परिवर्तन करने के इच्छूक हैं. हमारा लक्ष्य 2024 तक सभी मार्गों पर पूरी तरह से नवीनीकृत विमान लाने का है. हम कंपनी को बुलंदियों पर लेकर जाने की चाहत रखते हैं.
कैंपबेल विल्सन ने कहा कि एयर इंडिया पर अधिक कारोबारी यात्री विश्वास करते हैं. पिछले दिनों हुई पेशाब करने की घटना से हमने सबक लिया है. एयरबस और बोइंग के बीच नई विमान व्यवस्था को विभाजित करना कंपनी की एक रणनीति का हिस्सा थी. एयर इंडिया के 90 साल की विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं. एयर इंडिया के पास दुनिया भर में नॉनस्टॉप सेवाओं के लिए अप्रयुक्त क्षमता है.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएक्स कनेक्ट (पूर्व में एयरएशिया इंडिया) के एकीकरण की प्रक्रिया भी चल रही है. उन्होंने कहा कि एयर इंडिया के पास अपार क्षमता और अभूतपूर्व अवसर हैं. समूह एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनने पर काम कर रहा है. एयर इंडिया ने 14 फरवरी को 470 विमानों के लिए ऑर्डर देने की घोषणा की. इसमें से 70 बड़े आकार के विमान हैं.
विल्सन ने कहा कि इसका वित्तपोषण विभिन्न स्रोतों से किया जाएगा। टाटा समूह ने पिछले साल जनवरी में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था. एयर इंडिया ने एयरबस और बोइंग को 470 विमानों का ऑर्डर दिया है. इसके साथ ही उसके पास 370 और विमानों को खरीदने का विकल्प भी है. इस बारे में विल्सन ने कहा कि 370 और विमानों को खरीदने के विकल्प के लिए कोई समयसीमा नहीं है. हम बाजार का आकलन करेंगे और उसके बाद ही इस बारे में कोई कदम उठाया जाएगा.