Explainer: दिल्ली में क्यों है जल संकट, राष्ट्रीय राजधानी को कहां से मिलता है पानी; समझिए पूरा इकोसिस्टम

दिल्ली के आसपास की नदियां या तो सूख गयी है या उसके पानी पीने योग्य नहीं हैं.  दिल्ली को प्रति दिन 129 करोड़ गैलन पानी की जरूरत होती है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
नई दिल्ली:

देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) गंभीर जलसंकट से परेशान है. प्रचंड गर्मी और पानी के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भरता के कारण लगभग 3 करोड़ आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली को हरियाणा सरकार की तरफ से यमुना नदी से, उत्तर प्रदेश से गंगा नदी से और पंजाब से भाखड़ा-नांगल (Bhakra-Nangal) और रवि-व्यास नदी से पानी मिलता रहा है. दिल्ली जल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार राजधानी दिल्ली को प्रति दिन 129 करोड़ गैलन पानी की जरूरत होती है. दिल्ली में भू-जल स्तर काफी नीचे जा चुका है.

दिल्ली के आसपास की नदियां या तो सूख गयी है या उसके पानी पीने योग्य नहीं हैं.  जल प्रदूषण चरम पर होने के कारण दिल्ली को पीने योग्य पानी के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भरता बनी रहेगी. आइए जानते हैं दिल्ली जल संकट के पूरे इकोसिस्टम को. 

किस जगह से दिल्ली को मिलती है कितनी पानी? 
दिल्ली में पानी की आपूर्ति यमुना नदी से (हरियाणा की तरफ से), गंगा नदी से (उत्तर प्रदेश की तरफ से) और भाखरा नांगल (पंजाब से) होता है. 2023 की एक रिपोर्ट की अगर बात करें तो दिल्ली को को हर दिन यमुना से करीब 38.9 करोड़ गैलन, गंगा नदी से करीब 25.3 करोड़ गैलन और भाखरा नांगल से करीब 22.1 करोड़ गैलन पानी मिलता था. यानी 2023 में दिल्ली को कुल 95.3 करोड़ गैलन पानी मिलता था. जबकि 2024 में यह आंकड़ा 96.9 करोड़ गैलन हो गया है. 

Photo Credit: DJB_Water_PPT

हिमाचल और दिल्ली का क्या है विवाद? 

पानी के लिए दिल्ली सीधे तौर पर हिमाचल पर निर्भर नहीं है. जल संकट को लेकर 31 मई को दिल्ली सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी गयी थी. याचिका में कहा गया था कि राजधानी के प्राथमिक पानी के स्रोत सोनिया विहार और भागीरथी बैराज अपने अधिकतम स्तर पर काम कर रहे हैं लेकिन उससे हर क्षेत्र में पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है. दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील किया था कि हिमाचल प्रदेश से जो अतिरिक्त पानी हरियाणा सरकार को मिलती है वो दिल्ली को दिलवा दिया जाए.

अदालत ने हिमाचल सरकार को अतिरिक्त पानी दिल्ली के लिए तुरंत छोड़ने का आदेश दिया था. हरियाणा सरकार को भी ये कहा गया कि इस पानी को दिल्ली तक पहुंचाया जाए. हिमाचल सरकार की तरफ से दावा किया गया कि पानी छोड़ दिया गया है. हालांकि बाद में अदालत में हिमाचल सरकार पलट गयी और कहा कि उसके पास अतिरिक्त पानी नहीं है.

Advertisement

हिमाचल ने पानी छोड़ा लेकिन दिल्ली नहीं पहुंचा!
हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य ने दिल्ली के लिए पानी छोड़ दिया है, लेकिन यह हरियाणा से होकर दिल्ली तक जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले हिमाचल प्रदेश सरकार को राष्ट्रीय राजधानी के लिए 137 क्यूसेक अतिरिक्त जल छोड़ने का निर्देश दिया था. साथ ही हरियाणा से कहा था कि वह दिल्ली तक पानी पहुंचाने को आसान बनाए. सुक्खू ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हमने पानी छोड़ दिया है. हमने वकीलों से कहा है कि वे इस बारे में शीर्ष अदालत को सूचित करें.” हिमाचल सीएम ने कहा कि पानी हरियाणा से होकर दिल्ली जाएगा और "हमने अपना पानी नहीं रोका है.”

Advertisement
इस बीच हरियाणा में सिंचाई और जल संसाधन मंत्री अभय सिंह यादव ने कहा कि फिलहाल हिमाचल प्रदेश से पानी नहीं मिला है, इसलिए सत्यापन प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. एक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा, "अगर हरियाणा को हिमाचल प्रदेश से पानी मिलता है तो वह तुरंत उसे दिल्ली की ओर भेज देगा."

कोर्ट में हिमाचल सरकार का यूटर्न
दिल्ली में गहराते जल संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.हिमाचल प्रदेश ने सुप्रीम कोर्ट में अपने पिछले बयान से पलटते हुए कहा कि उसके पास अतिरिक्त पानी नहीं है. ऐसे में वो दिल्ली को पानी नहीं दे सकता. इसके बाद सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली सरकार को जल आपूर्ति के लिए 'अपर यमुना रिवर बोर्ड' (यूवाईआरबी) का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया. 

Advertisement

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर जारी राजनीतिक संग्राम के बीच गुरुवार को केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया. अपने हलफनामा में बताया कि हम मजबूर हैं. हम टैंकर माफिया के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कर सकते. वजह यह है कि टैंकर माफिया दिल्ली से नहीं, बल्कि हरियाणा से संचालित होते हैं, जिसकी वजह से हमारे हाथ बंधे हुए हैं.

Advertisement
दिल्ली सरकार ने अपने हलफनामा में बताया, “टैंकर माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करना हमारे क्षेत्राधिकार में नहीं आता है. अगर आता तो हम अब तक उनके विरुद्ध कार्रवाई कर चुके होते. हरियाणा सरकार को बताना चाहिए कि वो दिल्ली को पानी मुहैया कराने की दिशा में क्या कुछ कदम उठा रही है? क्योंकि, यहां लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं. दिल्ली जल बोर्ड ने राष्ट्रीय राजधानी में पानी की आपूर्ति के लिए पूरी रूपरेखा तैयार की है, जिसे जल्द ही धरातल पर उतारा जाएगा. यह ब्लूप्रिंट दिल्ली में पानी की किल्लत को देखते हुए तैयार किया गया है.“

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यों के बीच यमुना जल का बंटवारा एक जटिल मुद्दा है. जिस पर सभी पक्षों के साथ विस्तृत बातचीत के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा. कोर्ट ने कहा कि पानी का बंटवारा अपर यमुना रिवर फ्रंट पर छोड़ देना चाहिए. अपर यमुना फ्रंट ने दिल्ली सरकार से मानवीय आधार पर पहले ही 152 क्यूसेक पानी दिए जाने का अनुरोध किया है.

टैंकर माफियाओं का क्या है मामला?

 NDTV ने ग्राउंड ज़ीरो से रिपोर्टिंग करते हुए टैंकर को दिल्ली-हरियाणा मुनक नहर से अवैध रूप से पानी पंप करते ट्रेस किया. ये नहर दिल्ली के लिए पानी का एकमात्र सप्लायर है. एलजी को लिखी चिट्ठी में दिल्ली की मंत्री आतिशी ने राजधानी में पानी के टैंकरों की घटती संख्या का भी जिक्र किया. दिल्ली के एलजी सक्सेना ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से पानी की चोरी रोकने के लिए मुनक नहर पर कड़ी निगरानी रखने को कहा है. किसी ने भी अगर पानी की चोरी करने की कोशिश की, तो उसे गिरफ्तार करने का निर्देश है. एलजी ने एक हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है.

दिल्ली जल बोर्ड का क्या है काम?
दिल्ली जल बोर्ड अधिनियम, 1998 के तहत दिल्ली जल बोर्ड का गठन किया गया था. दिल्ली में पीने के पानी के उत्पादन और वितरण के लिए यह उत्तरदायी है. बोर्ड राजधानी में अपशिष्ट जल/सीवेज के संग्रहण, उपचार और निपटान के लिए भी जिम्मेदार है. दिल्ली के अधिकतर हिस्सों में इसके मार्फत ही जल की आपूर्ति होती है. 

ये भी पढ़ें-:

पहरे में दिल्ली का पानी, क्या है मुनक नहर की कहानी

Featured Video Of The Day
Kanwar Yatra Controversy: कांवड़ यात्रा पर Waris Pathan और Acharya Pramod Krishnam की तीखी बहस
Topics mentioned in this article