केरल और दक्षिण तमिलनाडु के तटीय हिस्सों में समुद्र में ऊंची लहरें उठने की चेतावनी

आईएनसीओआईएस के अनुसार, हिंद महासागर के दक्षिणी हिस्से में तेज हवाएं चलने के परिणामस्वरूप समुद्र में ऊंची लहरें उठती हैं. इस परिस्थिति को ‘कल्लक्कडल’ नाम से जाना जाता है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी मौसम विभाग ने दी है.
तिरूवनंतपुरम:

केरल और दक्षिण तमिलनाडु के तटीय इलाकों में मछुआरों एवं स्थानीय निवासियों को चेतावनी दी गई है कि शनिवार तड़के ढाई बजे से रविवार रात साढ़े 11 बजे तक समुद्र में ऊंची लहरी उठ सकती हैं. मौसम एजेंसियों ने यह जानकारी दी. भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केन्द्र (आईएनसीओआईएस) के अनुसार, ‘‘इस अवधि के दौरान समुद्र में 0.5 से 1.5 मीटर ऊंची लहरें उठने की संभावना है.''

आईएनसीओआईएस, एक केंद्रीय एजेंसी है जो देश में मछुआरों को समुद्री मौसम के बारे में चेतावनी जारी करती है.

केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) और अन्य मौमस एजेंसियों ने एक बयान में लोगों को अधिकारियों के निर्देश के अनुसार खतरनाक क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है.

उन्होंने यहां एक बयान में कहा, ‘‘नौकाओं के बीच एक सुरक्षित दूरी रखकर उनके आपस में टकराने को टाला जा सकता है. मछली पकड़ने के उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए.'' एजेंसियों ने लोगों को तटों से दूर रहने और समुद्र में नहीं उतरने की भी सलाह दी है.आईएनसीओआईएस के अनुसार, हिंद महासागर के दक्षिणी हिस्से में तेज हवाएं चलने के परिणामस्वरूप समुद्र में ऊंची लहरें उठती हैं. इस परिस्थिति को ‘कल्लक्कडल' नाम से जाना जाता है.

केरल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘समुद्र में ऊंची लहरें उठने की एनडीएमए-आईएनसीओआईएस से चेतावनी मिली है.'' मौसम एजेंसियों ने कहा कि शनिवार तड़के ढाई बजे से रविवार रात साढ़े ग्यारह बजे की अवधि के दौरान समुद्र में ऊंची लहरें उठने की संभावना है. अधिकारियों ने कहा कि इस अवधि के दौरान काफी तेज हवा चलने और समुद्र में ऊंची लहरें उठने की संभावना है. हालांकि, उन्होंने कहा कि यह सुनामी जैसी स्थिति नहीं है. इससे पहले दिन में, आईएनसीओआईएस ने कहा था कि समुद्र में 0.5 से 1.5 मीटर ऊंची लहरें उठने की संभावना है.
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Delhi Assembly Elections: 'BJP किसी को भी Ticket दे, Okhla में खिलेगा 'कमल'- Dheer Singh Bidhuri