आप हाथ छोड़ कर चले गए... वक्फ की बहस में अखिलेश ने मोदी के किस मंत्री को दिया साथ आने का खुला ऑफर?

Akhilesh Yadav News: वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा में मंगलवार को अखिलेश यादव अलग ही अंदाज में दिखे. वो अमित शाह के जवाब पर हाथ जोड़ते नजर आए वहीं एनडीए के एक सहयोगी का साथ आने का ऑफर तक देते दिखे.

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लोकसभा में अखिलेश यादव.

Waqf Amendment Bill: बुधवार को लोकसभा में पेश हुए वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) की चर्चा के दौरान कई सांसदों ने जमकर सवाल-जवाब किए. इस चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अलग ही अंदाज में दिखे. वक्फ की मुखालफत करते-करते उन्होंने कभी भाजपा को घेरा तो कभी भाजपा के सहयोगी दलों को. वक्फ बिल पर अपना विरोध जताते हुए अखिलेश ने एक समय भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में हो रही देरी पर तंज किया. जिसका अमित शाह ने करारा जवाब दिया. 

अखिलेश यादव ने भाजपा पर कसा था तंज

अखिलेश ने कहा, जो पार्टी ये कहती हो कि वो दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है, वो अब तक अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाई हैं. अखिलेश के इस तंज पर अमित शाह ने कहा-  विपक्ष में जो भी पार्टी बैठी है, वहां परिवार में से ही किसी को अध्यक्ष चुनना होता है. जबकि हमारे यहां 12-13 करोड़ सदस्य हैं, चुनाव की प्रक्रिया होती है, इसीलिए देर लगती है.

अमित शाह ने अखिलेश यादव पर किया हमला

अमित शाह ने अखिलेश यादव को जवाब देते हुए आगे कहा कि आपके यहां चुनाव नहीं होता इसीलिए देर नहीं लगती. मैं कह देता हूं कि आप अगले 25 साल तक अपनी पार्टी के अध्यक्ष हो, और कोई नहीं बन सकता. अमित शाह के इस जवाब पर अखिलेश यादव हाथ जोड़ते नजर आए. 

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एनडीए की सहयोगी जदयू पर भी अखिलेश का तंज

इसके बाद अखिलेश यादव एनडीए की सहयोगी जदयू पर भी तंज कसते नजर आए. मौका था जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह के बयान के बाद का. दरअसल राजीव रंजन सिंह के बोलने के बाद अखिलेश यादव ने कहा,  "हमे छोड़ गए आप. सभापति महोदया देखिए राजनीति क्या है? हमने आपका हाथ पकड़ा और हम यहां आए और आप हमारा हाथ छुड़ा कर वहां चले गए. इसिलए देखिए कल हमारा इनका हाथ मिल जाए."

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ललन सिंह को साथ आने का दिया ऑफर

अखिलेश का यह बयान हल्के-फुल्के अंदाज में था. लेकिन इस अंदाज के साथ ही अखिलेश ने मोदी सरकार के मंत्री और जदयू नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को साथ आने का खुला ऑफर दे दिया. मालूम हो कि लोकसभा चुनाव 2025 से पहले तक जदयू विपक्षी इंडिया ब्लॉक में ही था. लेकिन बाद में नीतीश एनडीए के साथ हो गए थे. 

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