एक वायरल वीडियो में, 3,000 से अधिक इंजीनियरों को जूनियर डेवलपर पद के लिए पुणे स्थित एक कंपनी के बाहर कतार में खड़े देखा गया. कतार में खड़े ज्यादातर फ्रेशर्स थे. इस वॉक इन ड्राइव में 2,900 से अधिक बायोडाटा जमा हुए. हिंजवडी को आईटी प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए जाना जाता है. यहां लंबी कतारें में प्रत्येक आशावान इंजीनियर ने अपना बायोडाटा पकड़ा हुआ था.
सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किए गए इस वीडियो ने उभरते आईटी नौकरी बाजार और युवा पेशेवरों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में चर्चा शुरू कर दी है.
पुणे में जीवंत आईटी क्षेत्र के बावजूद, लगभग 100 पदों के लिए इतनी जबरदस्त भीड़ को देख छात्रों के कौशल प्रशिक्षण और भारत में नौकरी के बारे में चिंताएं बढ़ गईं हैं.
यह घटना हाल के स्नातकों और अनुभवी पेशेवरों दोनों को प्रभावित करने वाली तीव्र प्रतिस्पर्धा पर प्रकाश डालती है.
विभिन्न प्लेटफार्मों पर वीडियो के वायरल होने के बाद, सोशल मीडिया पर इसे लेकर चर्चा छिड़ गई. कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पर कमेंट किया.
एक यूजर ने टिप्पणी की, "एक आईटी कंपनी एनालॉग तरीके से सीवी एकत्र कर रही है, यह विडंबना की पराकाष्ठा है."
एक यूजर ने बताया, "अगर आपको लगता है कि यह कतार खराब है, तो कनाडाई किराना स्टोर में नौकरी के लिए आवेदन करने का प्रयास करें; उनकी लाइनें इससे भी लंबी हैं."
बातचीत में हास्य का तड़का लगाते हुए एक तीसरे यूजर ने चुटकी लेते हुए कहा, 'कहां हैं वो अंकल, जिन्होंने कहा था कि इंजीनियरिंग पूरी करो और उसके बाद सब ठीक हो जाएगा?'