हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) को यह सुनिश्चित करने के शुक्रवार को निर्देश दिए कि अस्पतालों में वीआईपी लोगों के आने से कोविड-19 मरीजों के इलाज और उन्हें भर्ती करने की प्रक्रिया पर असर न पड़े. उन्होंने कहा कि मरीज और उनका इलाज पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.
ये निर्देश तब दिए गए हैं, जब एक दिन पहले जींद सिविल अस्पताल के एक मरीज के साथ आए एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) का ध्यान इस ओर दिलाया था कि अस्पताल में उनके दौरे के समय अधिकारियों ने सख्त प्रोटोकॉल लागू कर दिए, जिससे मरीजों के रिश्तेदारों को थोड़ी असुविधा हुई. खट्टर ने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी मरीज या उनके साथ आए व्यक्ति को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए.
विज ने ट्वीट किया, ‘‘सभी सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि अस्पतालों में वीआईपी लोगों के आने के दौरान कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज और उन्हें भर्ती करने पर कोई असर न पड़े. हमारी पहली प्राथमिकता मरीज और उनका इलाज है.''
एक अन्य ट्वीट में मंत्री ने हरियाणा में सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक और अन्य संगठनों से राज्य के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 मरीजों के लिए ‘रोटी बैंक' खोलने की भी अपील की.
उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा में सभी सामाजिक, राजनीतिक, वाणिज्यिक, धार्मिक और किसी भी अन्य संगठन से अस्पतालों में भर्ती कोरोना वायरस के मरीजों के लिए रोटी बैंक चलाने का अनुरोध किया जाता है जैसा कि सिविल अस्पताल अंबाला छावनी में किया जा रहा है. अगर वे चाहें तो अंबाला छावनी में रोटी बैंक देखने जा सकते हैं.''
‘रोटी बैंक' एक एनजीओ की पहल है जिसके तहत अंबाला छावनी के सिविल अस्पताल में मरीजों और उनके साथ आए एक व्यक्ति को निशुल्क भोजन दिया जाता है.
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