- करूर में अभिनेता और राजनेता विजय की रैली में हुई भगदड़ में 39 लोगों की मौत हुई, जिसमें आठ बच्चे शामिल थे.
- प्रशासन ने रैली में 10 हजार लोगों के इकट्ठा होने की इजाजत दी थी, लेकिन करीब 27 हजार लोग पहुंच गए थे.
- विजय की रैली में सात घंटे की देरी और जनरेटर की फ्लडलाइट्स बंद होने से समर्थकों की भीड़ बेकाबू हो गई थी.
Vijay Rally Stampede: चेन्नई से लगभग 400 किलोमीटर दूर करूर (karur stampede) में एक्टर एवं राजनेता विजय की रैली में मची भगदड़ में आठ बच्चों समेत 39 लोगों की मौत हो गई. रैली में भगदड़ की वजह क्या है? यह अभी साफ नहीं हो पाया है, लेकिन विजय की रैली के दौरान कई ऐसी चूक हुईं, जिन्हें इस भगदड़ का कारण माना जा रहा है. पुलिस की जांच भी इसके इर्दगिर्द ही घूम रही है. बताया जा रहा है कि भारी संख्या में समर्थक दोपहर में ही इकट्ठा होने शुरू हो गए थे. ये भी टीवीके नेता व फिल्म कलाकार की एक झलक पाने के लिए घंटों से इंतजार कर रहे थे. विजय इस रैली में लगभग 7 घंटे देरी से पहुंचे. इस देरी को भी भगदड़ का एक कारण बताया जा रहा है. आइए आपको बताते हैं कि विजय की रैली में 'मौत की भगदड़' से पहले क्या-क्या चूक हुईं.
रोड शो की इजाजत नहीं थी, फिर क्यों...
विजय की पार्टी ने इस रैली के साथ-साथ एक्टर के रोड शो के लिए भी इजाजत मांगी थी. लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर शोड शो की इजाजत देने से मना कर दिया था. लेकिन विजय ने रैली स्थल तक पहुंचने का जो रास्ता चुना, वो किसी रोड शो से कम नहीं था. पुलिस ने बताया कि रोड शो पर प्रतिबंध के बावजूद, विजय का कार्यक्रम स्थलों तक पहुंचना लगभग रोड शो में बदल गया था. विजय जब रैली स्थल पर जा रहे थे, तो सैकड़ों कार्यकर्ता उनके काफिले में शामिल हो गए. इसके अलावा हजारों की संख्या में लोग भी वहां मौजूद थे. इतनी बड़ी संख्या में लोग इस कार्यक्रम में पहुंचेंगे, इसका अंदाजा भी पुलिस ने नहीं लगाया था. विजय की यह बड़ी चूक भगदड़ का एक कारण हो सकती है.
10 हजार की इजाजत, फिर कैसे पहुंचे 27,000
विजय के कार्यक्रम के लिए प्रशासन ने 10 हजार लोगों के इकट्ठा होने की इजाजत दी थी. पुलिस का इंतजाम भी इतने लोगों की संख्या के आधार पर ही किया था. लेकिन इस रैली में लगभग 27 हजार लोग पहुंच गए. ये भी विजय की रैली में एक बड़ी चूक हुई. आखिर, इतनी बड़ी संख्या में लोग कार्यक्रम में कैसे पहुंच गए? इस पर भी सवाल उठ रहे हैं. इतनी बड़ी संख्या में लोगों को मैनेज करने के लिए वहां पुलिसबल मौजूद नहीं था. ऐसे में जब लगभग 7 घंटों की देरी से विजय कार्यक्रम में पहुंचे, तो लोग बेकाबू हो गए. भगदड़ की एक वजह ये भी मानी जा रही है.
7 घंटे की देरी, जनरेटर की फ्लडलाइट्स बंद और फिर...
तमिलनाडु के प्रभारी डीजीपी जी. वेंकटरमण ने कहा है कि अभिनेता-राजनेता विजय के करूर रैली में पहुंचने में सात घंटे की देरी के कारण समर्थकों की बेकाबू भीड़ उमड़ पड़ी. विजय का कार्यक्रम दोपहर 12 बजे निर्धारित था, लेकिन वे शाम 7 बजे के आसपास ही पहुंचे. आखिर, इस 7 घंटे की देरी की वजह क्या थी? बताया जा रहा है कि 7 घंटे की देरी के कारण कार्यक्रम स्थल पर भीड़ काफी बढ़ गई थी. हर घंटे लोगों की संख्या बढ़ रही थी. रैली में मौजूद लोग अलग-अलग तरह की बातें बता रहे हैं. एक चश्मदीद के मुताबिक, विशाल रैली को संबोधित करते हुए विजय ने एक गीत गाया, जिसमें बालाजी को 10 रुपये प्रति बोतल वाला मंत्री बताया गया है. जोश भीड़ में ट्रांसफर हुआ और फिर अचानक ही लाठीचार्ज होने लगा. वहीं एक अन्य चश्मदीद के मुताबिक विजय जब रैली स्थल पर आए तो तब तक सब सामान्य था, तभी जनरेटर की फ्लडलाइट्स बंद हो गईं. एक महिला अपनी बच्ची को बदहवास होकर ढूंढ रही थी. भीड़ में अचानक बेचैनी बढ़ी और फिर भगदड़ मच गई.
विजय की पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने जब लोगों को बेहोश होते और गिरते देखकर शोर मचाया तब उन्होंने अपनी रैली रोक दी।बेहोश होने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. स्टालिन ने स्थिति को ‘चिंताजनक' बताया. इस बीच, राज्य सरकार ने भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की. विजय ने कहा कि भगदड़ में हुई मौतों से मेरा दिल टूट गया, मैं असहनीय, अकथनीय पीड़ा और दुख में हूं. विजय ने भगदड़ में हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया तथा कहा कि वह अस्पतालों में इलाज करा रहे लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं.
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