पश्चिम बंगाल के आलिया विश्वविद्यालय के एक छात्र नेता को अरेस्ट किया गया है. गिरफ्तारी एक वीडियो सामने आने के बाद हुई जिसमें दिख रहा है कि छात्रों का एक गुट कुलपति को अपशब्द कहते हुए धमकी दे रहा है. इस घटना के बाद राज्य में एक नया राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है. बीजेपी ने आरोप लगाया कि आरोपी गयासुद्दीन मोंडल का तृणमूल कांग्रेस से संबंध है. वहीं सत्तारूढ़ दल का कहना है कि उन्होंने वर्षों पहले छात्र शाखा से आरोपी छात्र को निष्कासित कर दिया है. वीडियो को साझा करते हुए बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्य सचिव से इस मामले को लेकर रिपोर्ट मांगी है और इसे शर्मनाक घटना करार दिया है.
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि यह घटना शुक्रवार को विश्वविद्यालय के न्यू टाउन परिसर में हुई. वायरल हुए वीडियो में छात्रों के एक समूह को कुलपति महम्मद अली को उनके कार्यालय में घेरे हुए दिखाया गया है. छात्रों को अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए सुना जा सकता है. यदि पीएचडी प्रवेश सूची उनकी सिफारिशों के अनुसार नहीं बदली गई तो उन्हें छात्रों द्वारा गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी जाती है. उन्होंने प्रशासन पर मेरिट लिस्ट में हेराफेरी का आरोप लगाया.
छात्रों को कुलपति पर विश्वविद्यालय की गरिमा को "नष्ट" करने का आरोप लगाते हुए भी सुना जाता है.अली की कुर्सी के पीछे दो सुरक्षा गार्ड असहाय खड़े दिख रहे हैं, छात्र धमकी दे रहे हैं और उन पर चिल्ला रहे हैं. हंगामे के बीच कुलपति चुप रहते हैं. एक जगह वे अपना फोन मांग रहे हैं, जिसे छात्रों के समूह द्वारा छीन लिया गया है, लेकिन उन्हें चिल्ला का चुप कर दिया जाता है.
बाद में अली ने मीडिया को बताया कि "मैंने मदद के लिए पुलिस को फोन किया था, लेकिन वे नहीं आए". उन्होंने कहा कि मंडल और कुछ अन्य लोगों ने उनके कार्यालय के अंदर उनका कुछ घंटों तक उनका घेराव किया और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. हालांकि, पश्चिम बंगाल पुलिस ने ट्वीट किया कि वे "तुरंत प्रतिक्रिया". उन्होंने ट्वीट किया, "पुलिस ने हाल ही में आलिया विश्वविद्यालय में हुई घटना के संबंध में तुरंत प्रतिक्रिया व्यक्त की और आरोपी गयासुद्दीन मोंडल को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. जांच जारी है."
इस घटना को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधते हुए बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि यह दिखाता है कि तृणमूल के छात्र नेताओं ने किस तरह 'सभी हदें पार कर दी हैं. उन्होंने कहा, "वीसी चुप रहे और उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी क्योंकि वे एक सज्जन व्यक्ति हैं. अगर मैं होता तो मैं गाली देने वालों को थप्पड़ मार देता."
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने बंगाली में ट्वीट किया, "बंगाल की बेटी के शासनकाल में यह अकेली घटना नहीं है. यह अब राज्य की संस्कृति है. वीसी ने कहा कि पुलिस उनके बचाव में नहीं आई. यह अपेक्षित है क्योंकि पुलिस उन लोगों को गिरफ्तार नहीं करेगी, जिनके सिर पर प्रभावशाली टीएमसी नेताओं का हाथ है."