Rift in LJP (R) : रामविलास पासवान के बेटे और लोजपा (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) कई दिनों से केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में खड़े होते दिखे हैं. चाहे वो लेटरल एंट्री का मसला हो या क्रीमी लेयर का मुद्दा या फिर जाति जनगणना की बात हो. चिराग के इन तेवरों से कई बार केंद्र की एनडीए सरकार की एकता को लेकर सवाल भी उठे हैं. ऐसे में इस बात की चर्चा चलने लगी कि चिराग पासवान की पार्टी के कई सांसद भाजपा के संपर्क हैं और शायद वे पार्टी छोड़ सकते हैं.
चिराग का जवाब
संवाददाताओं ने जब इस संबंध में चिराग पासवान से पूछा तो उन्होंने कहा, "काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती. ये जो सोच लोग रखते हैं कि बार-बार एक ही पैंतरा आजमा लिया जाएगा...मेरे पार्टी के सांसद खुद ही स्पष्टीकरण दे चुके हैं. पार्टी के हर कार्यक्रम में मुझे राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर भी उन्हीं लोगों की सहमति थी. इस तरीके की सोच या अफवाह को हवा देकर अगर कुछ लोग सोचते हैं कि चिराग पासवान को डरा दिया जाएगा तो ये काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ेगी. विपक्ष की ये सोच धरातल पर कभी नहीं उतरेगी."
पहले टूट चुकी है पार्टी
आपको बता दें कि चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) बनाई थी. मगर लोजपा पर रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस ने कब्जा जमा लिया और चिराग को पार्टी से बाहर कर दिया था. तब चिराग ने नई पार्टी बनाई और इस लोकसभा चुनाव में भाजपा की ओर से मिले सभी 5 सीटों पर जीत दर्ज की और केंद्र सरकार में मंत्री बने.
किसने फैलाई अफवाह?
चिराग की इसी दुखती रग पर आज लालू यादव की पार्टी के नेता आरजेडी विधायक मुकेश रौशन ने पांव रखने की कोशिश की और दावा किया कि चिराग की पार्टी के 3 सांसद भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं और जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे. मगर चिराग ने अब सभी को मुंहतोड़ जवाब दे दिया है.