- मनाली में लगातार भारी बारिश के कारण दर्जनों मकान और होटल जमींदोज हो चुके हैं, रास्ते कट गए हैं
- व्यास नदी के किनारे बनी चट्टान पर आठ कमरों वाला एक होटल सुरक्षित रहा जबकि आसपास की बिल्डिंग और दुकानें बह गईं
- चट्टान पर बने होटल को रानी नदी से पचास फुट ऊपर होने के कारण बाढ़ में नुकसान नहीं हुआ, लेकिन रास्ता बह गया
मनाली में लगातार हो रही बारिश के बीच राहत और बचाव का काम चल रहा है. दर्जनों मकान और होटल जमींदोज हो चुके हैं. रास्ते कट गए हैं लेकिन एक होटल की तस्वीरें बहुत वायरल हो रही हैं. होटल के आसपास की सभी बिल्डिंग और कमेटी बह गए लेकिन होटल बचा रहा.
स्थानीय लोगों के मुताबिक ब्यास नदी में 1991 की बाढ़ में एक बड़ी सी चट्टान बहकर आई थी.पहले ये चट्टान सीधी थी लेकिन 2000 में फिर से चट्टान ऐसी हो गई. इस चट्टान पर बना एक 8 कमरों का होटल है. 26 अगस्त को होटल के बगल के कॉटेज बह गए, होटल की पार्किंग बह गई आसपास भारी नुकसान हुआ लेकिन चट्टान पर बना ये होटल सुरक्षित रह गया. बस अब होटल की ओर जाने वाला रास्ता खत्म हो गया है और होटल चट्टान पर टंगी नजर आ रही है.
मनाली नगर परिषद के चेयरमैन रहे चमन गुप्ता बताते हैं कि चट्टान के ऊपर होटल होने से नुकसान नहीं हुआ क्योंकि चट्टान रानी नदी से करीब पचास फुट ऊपर बनी थी. हालांकि तीस फीट तक पानी आ गया था. होटल के पार्किंग में खड़ी गाड़ियां बह गईं. रास्ता बह गया और पानी कई होटल के ऊपर से गुजर गया लेकिन ये होटल बचा रह गया.अब इसकी तस्वीर ख़ाली वायरल हो रही है.
इस होटल के आसपास बनी आधा दर्जन घर दुकानें कॉलेज और पार्किंग सब ब्यास नदी में बह गए लेकिन बिल्कुल नदी से सटे इस होटल को नुकसान नहीं हुआ. फ़िलहाल होटल वीरान है और आसपास रास्तों के मरम्मत का काम चल रहा है.
मनाली में कई सड़कें और मकान जमींदोज, स्कूलों में छुट्टी
बारिश की वजह से स्कूल और बाज़ार सब बंद हो चुके हैं. सोमवार को भी सुबह से भारी बारिश हो रही है इसके चलते मनाली का जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है. रविवार को मुख्यमंत्री का मनाली दौरा भी मौसम की वजह से स्थगित हो गया है. बारिश की वजह से राहत और बचाव के काम पर भी असर हो रहा है. खासतौर पर ओल्ड मनाली में पीने का पानी और फल सब्ज़ियों की सप्लाई आंशिक तौर पर बहाल हो गई है लेकिन ऊपर के इलाकों के गांवों में अब कई जरुरी चीज़ों का अभाव है.