Video: ओडिशा ट्रेन दुर्घटना को लेकर ममता बनर्जी और अश्विनी वैष्णव के बीच असहमति सामने आई

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की मौजूदगी में ममता बनर्जी ने मीडिया से बातचीत की, उन्होंने कहा कि मौतों का आंकड़ा सही बताया जाए, उन्होंने कहा कि मौतों की संख्या 500 से अधिक हो सकती है.

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की मौजूदगी में ममता बनर्जी ने मीडिया से बातचीत की.
बालासोर:

ओडिशा रेल दुर्घटना में मरने वालों की संख्या को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बीच असहमति की बात कैमरे में कैद हो गई. घटनास्थल पर वैष्णव उस समय ममता बनर्जी के साथ खड़े थे जब वे मीडिया से बातचीत कर रही थीं. उन्होंने मृतकों की सही संख्या बताने की बात कही और कहा कि मौतें 500 से अधिक हो सकती हैं. 

तब जब मौके पर तीन बोगियों में बचाव कार्य पूरा नहीं हुआ था, ममता बनर्जी ने कहा, "मैंने सुना है कि यह (मौतों का आंकड़ा) 500 हो सकता है."  वैष्णव ने कहा कि बचाव कार्य पूरा कर लिया गया है.

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ममता ने पूछा कि बचाव कार्य पूरा होने के बाद मरने वालों की संख्या क्या है. वैष्णव ने जवाब दिया कि दुर्घटना में 238 लोगों की मौत हुईं. इस हादसे में दो यात्री ट्रेनें और एक मालगाड़ी शामिल है. उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा राज्य सरकार का आंकड़ा है.

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हालांकि ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा कि केंद्रीय मंत्री की ओर से दी गई मौतों की संख्या शुक्रवार तक की है. उन्होंने कहा, "यह कल की बात है. हमारे पास कल से जानकारी है कि यह 238 है...यह क्या मुद्दा है, हम इस पर बात कर सकते हैं."

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भारतीय रेलवे के अनुसार, ओडिशा ट्रेन त्रासदी में मरने वालों की संख्या 288 है, जबकि 803 लोग घायल हैं और इनमें 56 गंभीर रूप से घायल हुए हैं.

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तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी पूर्व में रेल मंत्री रह चुकी हैं. उन्होंने कहा कि वे दुर्घटना से दुखी और स्तब्ध हैं और इसकी उचित जांच की जानी चाहिए. दुर्घटना में शामिल दो यात्री ट्रेनें बंगाल के स्टेशनों से जुड़ी हैं.

ममता बनर्जी ने कहा कि रेलवे के साथ "विशेष व्यवहार" किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि रेलवे का एक अलग बजट था. उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें "समन्वय की कमी" थी. उन्होंने कहा, "रेलवे हमारे बच्चे की तरह है. मैं भी रेलवे परिवार की सदस्य हूं." उन्होंने कहा कि वे मंत्री को सुझाव देने के लिए तैयार हैं.

बाद में अश्विनी वैष्णव ने ममता बनर्जी के साथ असहमति को कम करने की कोशिश करते हुए कहा कि यह राजनीति करने का समय नहीं है, बल्कि यह देखना है कि बहाली जल्दी हो. मौतों की संख्या पर ममता बनर्जी से असहमत होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "हम पूरी पारदर्शिता चाहते हैं, यह राजनीति करने का समय नहीं है, यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करने का समय है कि जल्द से जल्द बहाली हो."

ममता बनर्जी शनिवार को बालासोर पहुंचीं. उन्होंने इस घटना को ''21वीं सदी की सबसे बड़ी रेल दुर्घटना'' करार दिया.

ममता बनर्जी ने कहा, "कोरोमंडल सबसे अच्छी एक्सप्रेस ट्रेनों में से एक है. मैं तीन बार रेल मंत्री रह चुकी हूं. मैंने जो देखा, उससे लगता है कि यह 21वीं सदी की सबसे बड़ी रेल दुर्घटना है. ऐसे मामलों को रेलवे के सुरक्षा आयोग को सौंप दिया जाता है और वे जांच करते हैं और फिर रिपोर्ट देते हैं. जहां तक मुझे पता है, ट्रेन में एंटी कोलीशन डिवाइस नहीं थी. अगर ट्रेन में डिवाइस होती तो ऐसा नहीं होता. मृतकों को वापस नहीं लाया जा सकता लेकिन अब हमारा काम रेस्क्यू ऑपरेशन और सामान्य स्थिति को बहाला करना है.“ 

घटना को लेकर प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दुर्घटना में तीन ट्रेनें शामिल हैं. बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी बालासोर जिले के बहानागा बाज़ार स्टेशन पर टकराईं जो कि तीन अलग-अलग पटरियों पर थीं. इसमें कहा गया है कि शुक्रवार की शाम को हुए हादसे में दोनों  यात्री ट्रेनों के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए.

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