उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने रविवार को कहा कि संसद जनकल्याण के लिए है और सदन के कामकाज के हर क्षण का उपयोग जनकल्याण के लिए किया जाना चाहिए. धनखड़ यहां सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल के स्वर्ण जयंती स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे. उपराष्ट्रपति धनखड़ की यह टिप्पणी पिछले सप्ताह संभल और मणिपुर में हिंसा जैसे विभिन्न मुद्दों पर संसद के दोनों सदनों में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद आई है.
संसद को अपवित्र नहीं किया जाना चाहिए : धनखड़
उपराष्ट्रपति ने कहा, “संसद जनकल्याण के लिए है और इसे अपवित्र नहीं किया जाना चाहिए. मुझे यकीन है कि संबंधित पक्षों, खासकर निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा सभी कदम उठाए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम अपने आचरण को अनुशासन और शिष्टाचार के साथ निभाएं.”
व्यवसायियों और व्यापारिक घरानों से की अपील
धनखड़ ने ग्रामीण क्षेत्रों से प्रतिभाओं को पोषित करने का आह्वान किया और विशेष रूप से उन लोगों को, जिनके पास सस्ती गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच नहीं है.
उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश एक शैक्षिक केंद्र के रूप में उभर रहा है, ऐसा परिदृश्य जो पहले कभी नहीं था.
उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण हो रहा है.
उपराष्ट्रपति ने कहा, “मैं कॉरपोरेट्स (व्यवसायियों), व्यापारिक घरानों से अपील करता हूं और उन्हें इसे (शिक्षा) एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र बनाए. उन्हें अच्छे स्कूल खोलने चाहिए, जिसका उद्देश्य सभी को, खासकर कमजोर वर्गों को सस्ती गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध कराना है.”
धनखड़ ने कहा, “सरकार ने बड़ी पहल की है और मेरा मानना है कि अगर समाज में कोई बड़ा बदलाव लाना है या इसकी बुराइयों से छुटकारा पाना है तो समानता लाने के लिए शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तनकारी तंत्र है.”