बी सुदर्शन रेड्डी: किसान परिवार में जन्‍म, अधिवक्ता से सुप्रीम कोर्ट के जज तक का सफर, जानें 10 फैक्‍ट्स

कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी विपक्ष की ओर से उपराष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवार होंगे. बी सुदर्शन रेड्डी का मुकाबला एनडीए उम्‍मीदवार सीपी राधाकृष्‍णन से होगा.

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  • कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्ष ने SC के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया.
  • बी सुदर्शन रेड्डी का मुकाबला NDA के उम्मीदवार CP राधाकृष्णन से होगा, जो भाजपा की ओर से चुनाव लड़ेंगे.
  • वो आंध्र प्रदेश और गुवाहाटी उच्च न्यायालय में न्यायाधीश रहे और फिर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने थे.
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उपराष्‍ट्रपति चुनाव को लेकर भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए के बाद अब कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन ने भी उम्‍मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी विपक्ष की ओर से उपराष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवार होंगे. बी सुदर्शन रेड्डी का मुकाबला एनडीए उम्‍मीदवार सीपी राधाकृष्‍णन से होगा. बी सुदर्शन रेड्डी, सुप्रीम कोर्ट के जज बनने से पहले वो गुवाहाटी और आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में भी जज रह चुके हैं.  आइए जानते हैं उनके बारे में जरूरी फैक्‍ट्स. 

जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी कौन हैं?

वे भारत के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं, जिन्‍हें विपक्ष ने अपना उपराष्‍ट्रपति उम्‍मीदवार बनाया है. वो गोवा के पहले लोकायुक्त भी रह चुके हैं.

उनका जन्म कब और कहां हुआ था?

उनका जन्म 8 जुलाई 1946 को आंध्र प्रदेश के रंगारेड्डी जिले के अकुला मायलारम गांव में एक सामान्‍य किसान परिवार में हुआ था.

उनकी शिक्षा कहां हुई?

उन्होंने हैदराबाद में पढ़ाई की और 1971 में उस्मानिया विश्वविद्यालय से कानून (एलएलबी) की डिग्री प्राप्त की.

कब और कहां वकील के रूप में करियर शुरू किया?

वे 27 दिसंबर 1971 को आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए. उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता 'के प्रताप रेड्डी' के साथ हैदराबाद में सिविल और संवैधानिक मामलों में प्रैक्टिस की.

क्या वे किसी सरकारी पद पर भी रहे?

हां, 8 अगस्त 1988 को वे आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में सरकार के वकील नियुक्त हुए और 1990 में केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्‍थाई वकील के पद पर भी कार्य किया.

कौन-कौन से न्यायिक पदों पर रहे? 

  • आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय: 2 मई 1993, अतिरिक्त न्यायाधीश (Additional Judge) के रूप में नियुक्ति, फिर 2 मई 1995 को स्थाई न्यायाधीश बने. 
  • गुवाहाटी उच्च न्यायालय: 5 दिसंबर 2005 को मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) के रूप में पदस्थापित हुए. 
  • सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया: 12 जनवरी 2007 को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए. 
  • सेवानिवृत्ति: 8 जुलाई 2011 को 65 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद वो सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए. 

क्या वे किसी शिक्षा संबंधी संस्थान से जुड़े थे?

वे एवी एजुकेशन सोसाइटी के सचिव और संवाददाता रहे. साथ ही वे उस्मानिया विश्वविद्यालय के कानूनी सलाहकार और स्थायी वकील भी रहे.

सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने क्या भूमिका निभाई?

मार्च 2013 में वे गोवा के पहले लोकायुक्त बने, लेकिन अक्टूबर 2013 में निजी कारणों से इस्तीफा दे दिया.

क्या वे किसी कानूनी संगठन में सक्रिय हैं?

हां, वे हैदराबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता और सुलह केंद्र में लाइफ ट्रस्टी के रूप में शामिल हैं.

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