वाराणसी सीरियल ब्लास्ट के दोषी वलीउल्लाह को सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. वही एक अन्य मामले में उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. यूपी के वाराणसी में 2006 में हुए सीरियल ब्लास्ट में वलीउल्लाह को गाजियाबाद की कोर्ट पहले ही दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. 16 साल पुराने केस में गाजियाबाद कोर्ट ने वल्लीउल्लाह को दोषी ठहराया था. अदालत ने धमाकों के दो मामलों में वल्लीउल्लाह को दोषी माना है, वहीं एक में बरी कर दिया है. वल्लीउल्लाह को शनिवार दोपहर को जिला अदालत में पेश किया गया था. दोपहर 3.30 बजे जिला एवं सेशन जज ने बनारस के संकट मोचन मंदिर में हुए ब्लास्ट के मामले में वल्लीउल्लाह को दोषी ठहराया. धमाके से 7 लोगों की मौत हुई थी.
कोर्ट ने दशाश्वमेध घाट पर कुकर बम मिलने केस में भी वल्लीउल्लाह को दोषी ठहराया. यहां बम फटने से पहले ही ढूंढ निकाला गया था. तीसरा केस रेलवे कैंट पर बम विस्फोट का था. यहां 9 लोग मारे गए थे. इस केस में सबूतों के अभाव में वल्लीउल्लाह को बरी कर दिया था. कोर्ट में 23 मई को वाराणसी सीरियल धमाकों की सुनवाई पूरी हुई थी. 7 मार्च 2006 को वाराणसी में संकटमोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर बम धमाके हुए थे. दशाश्वमेध घाट पर कुकर बम मिला था.इन बम धमाकों में 16 लोग मारे गए थे जबकि 76 लोग घायल हो गए थे.
वलीउल्लाह की तरफ से बनारस में कोई भी वकील लड़ने को तैयार नहीं हुआ था. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सुनवाई के लिए ग़ाज़ियाबाद कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था. पुलिस की जांच में पता चला था कि इन तीनों धमाकों में पांच आतंकियों का हाथ है. इनमें से एक आतंकी मौलाना जुबेर धमाकों के अगले ही साल एलओसी पर सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था. 5 अप्रैल 2006 को पुलिस ने प्रयागराज के फूलपुर के रहने वाले वलीउल्लाह को लखनऊ में गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने वलीउल्लाह के पास से एक पिस्टल, बाइक और आरडीएक्स ,डिटोनेटर भी बरामद किए थे.इन धमाकों में शामिल अन्य तीन आतंकियों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है. अभियोजन की ओर से जीआरपी कैंट धमाके में 53, संकट मोचन धमाके में 52 और दशाश्वमेध घाट मामले में 42 गवाह पेश किए गए.पुलिस ने सबूतों के साथ कोर्ट को बताया कि संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर धमाके की साजिश रचने में वलीउल्लाह का ही हाथ था.