Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तराखंड में एक टनल के अंदर 48 घंटे से अधिक समय से फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. उत्तराखंड के उत्तरकाशी (Uttarkashi Tunnel Collapse) में रविवार को सुबह लगभग 5 बजे एक निर्माणाधीण टनल का आंशिक हिस्सा टूट गया. जिसके बाद टनल के अंदर फंसे मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चलाया जा रहा है.
रेस्क्यू टीम फंसे हुए श्रमिकों को निकालने के लिए की कोशिश में जुटी
इसके तहत रेस्क्यू टीम ने 200 मीटर के क्षेत्र में गिरी चट्टानों को काटकर हटाने का काम शुरू कर दिया है. रेस्क्यू टीम फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने और उन्हें बाहर निकालने के लिए रास्ता बनाने की कोशिश कर रही है. यह दूरी लगभग 40 मीटर है.
टनल को ब्लॉक करने वाले लगभग 21 मीटर स्लैब को हटाया गया
अधिकारियों ने कहा कि टनल को ब्लॉक करने वाले लगभग 21 मीटर स्लैब को हटा दिया गया है और 19 मीटर मार्ग को साफ किया जाना बाकी है. रेस्क्यू टीम शुरू में 30 मीटर चट्टानों को काटने में सक्षम थी,लेकिन कुछ मिट्टी फिर से गिर गई, इसलिए टीम सिर्फ 21 मीटर की दूरी को साफ करने में ही सक्षम हो पाए हैं. ढीले मलबे की वजह से बचाव कार्यों में देरी हो रही है, इसको स्थिर किया जा रहा है और 40 मीटर तक शॉटक्रेटिंग के साथ खुदाई की जा रही है. ढही हुई टवल का काम शुरू हो गया है.
रेस्क्यू टीम 900 मिमी पाइप को टनल के अंदर भेजने की बना रही योजना
जानकारी के मुताबिक, रेस्क्यू टीम 900 मिमी डायमीटर वाले पाइप को टनल के अंदर भेजने की योजना बना रही है, जो इतना चौड़ा हो कि फंसे हुए लोग मलबे के ढेर में छेद करके उसमें से निकल सकें. रेस्क्यू टीम मलबे में ड्रिल करने के लिए ऑगर मशीन का उपयोग करेगी.
घटनास्थल के वीडियो बयां कर रहे ताजा हालात
घटनास्थल के वीडियो में कंक्रीट के विशाल ढेर टनल को ब्लॉक करते हुए दिखाई दे रहे हैं, इसकी टूटी हुई छत से मुड़ी हुई मेटल की रॉड मलबे में दबी हुई हैं, जो बचाव कर्मियों के लिए और अधिक बाधाएँ पैदा कर रही हैं .रविवार सुबह ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन टनल के ढहने के बाद मजदूर उसके अंदर फंस गए, जो ज्यादातर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल से आए प्रवासी हैं.
वॉकी-टॉकी के जरिये मजदूरों से सफलतापूर्वक कम्युनिकेशन स्थापित
जानकारी के मुताबिक, टनल में फंसे सबी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें पाइपलाइनों के माध्यम से भोजन और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. एक अधिकारी ने कहा कि रेस्क्यू टीम ने वॉकी-टॉकी के जरिये मजदूरों के साथ सफलतापूर्वक कम्युनिकेशन स्थापित किया है. उन्होंने बताया कि शुरुआत में रेस्क्यू टीम कागज के एक टुकड़े पर एक नोट के माध्यम से किया गया था, लेकिन बाद में रेडियो हैंडसेट का उपयोग करके जुड़ने में कामयाब रहे.
4.5किमी लंबी टनल उत्तरकाशी में सिल्क्यारा-डंडालगांव को जोड़ेगी
बता दें कि ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रहा 4.5 किलोमीटर लंबी टनल उत्तरकाशी में सिल्क्यारा और डंडालगांव को जोड़ेगी. यह चारधाम परियोजना का हिस्सा है और एक बार पूरा होने पर इससे 26 किमी की दूरी कम होने की उम्मीद है.