हरिद्वार में आयोजित 'धर्म संसद' कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस ने समन भेजा है. पुलिस ने वसीम रिजवी, अन्नपूर्णा, धर्मदास को जांच में शामिल होने के लिए समन भेजा है. बताया जा रहा है कि उत्तराखंड पुलिस ने उन्हें सीआरपीसी की धारा 141 के तहत तलब किया है. समाज में शांति भंग करने के आरोप में 3 आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है.
बता दें कि जूना अखाड़ा के यति नरिसम्हानंद गिरि द्वारा ‘धर्म संसद' का आयोजन 17 से 20 दिसंबर तक हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में किया गया था. इस मामले में पुलिस कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने के खिलाफ गिरि सहित अन्य के खिलाफ जांच कर रही है.
धर्म संसद में नफरती भाषण उत्तराखंड की बीजेपी सरकार के सहयोग से हुए : असदुद्दीन ओवैसी
वहीं इस मुद्दे पर विपक्ष हमलावर है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने हरिद्वार में हाल ही में ‘धर्म संसद' में कथित तौर पर दिए गए घृणा भरे भाषणों पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा था कि हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और इस तरह के कृत्य संविधान एवं कानून का उल्लंघन हैं. एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया था कि हरिद्वार में हाल में संपन्न ‘धर्म संसद' में हुए घृणा भाषण उत्तराखंड की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार के सहयोग से हुए. उन्होंने मांग की कि सिर्फ प्राथमिकी दर्ज करना पर्याप्त नहीं है, दोषियों की गिरफ्तारी भी होनी चाहिए.