खिसक रहे पहाड़, उफान पर नदियां-नाले, उत्तराखंड के इन 7 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट

बारिश का मौसम हर साल उत्तराखंड और हिमाचल में तबाही लाता है. इस साल भी दोनों ही राज्यों में बारिश से बुरा हाल है. भारी बारिश से दोनों राज्यों के नदी-नाले उफान पर है. वहीं कई जगहों पर हुए भूस्खलन से रास्तें बंद है.

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नई दिल्ली:

उत्तराखंड और हिमाचल में बारिश का मौसम लोगों के लिए मुसीबत लेकर आता है. इस बार भी हर साल की तरह उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में बारिश ने आफत मचाई हुई है. इन राज्यों में लगातार हो रही बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह से ठप हो गया है. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और बिहार में बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं और मुख्य सड़कों समेत कई प्रमुख रास्ते भी बंद है. वहीं हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भरमौर क्षेत्र में गुरुवार को भूस्खलन के कारण मणिमहेश डल झील का मार्ग बाधित हो गया. इसके अलावा हिमाचल में भी नदियां-नाले उफान पर है. प्रशासन ने लोगों से नदी और नाले किनारे ना जाने की अपील की है.

 बद्रीनाथ राजमार्ग अवरूद्ध होने से श्रद्धालु मुसीबत में

उत्तराखंड के चमोली जिले के जोगीधारा में हुए भूस्खलन के कारण पिछले तीन दिन से बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के अवरूद्ध होने से हिमालयी धाम तथा हेमकुंड सहिब जाने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस ने श्रद्धालुओें को लेकर जा रहे वाहनों को चमोली और कर्णप्रयाग के बीच रोक दिया, जिससे लंगासू थाने के निकट जाम जैसी स्थिति बन गयी. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस और एसडीआरएफ के कर्मी जोगीधारा में मलबे के ढेर को पार करने में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों समेत श्रद्धालुओं की मदद कर रहे हैं जबकि वाहनों में यात्रा करने वाले लोग लंगासू थानक्षेत्र के मुख्य मार्ग पर आवाजाही शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं.

मौसम की वजह से श्रद्धालुओं की संख्या में आई कमी

चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी ने बताया कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सड़क पर पड़े मलबे को साफ करने में जुटा है हालांकि, पहाड़ी से लगातार मलबा गिरने के कारण सफाई के कार्य में दिक्कत आ रही है. वहीं मानसून शुरू होते ही भूस्खलन के कारण मार्गो के अवरूद्ध होने से धामों की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आयी है. बुधवार को बद्रीनाथ धाम में केवल 400 श्रद्धालुओं ने ही दर्शन किए जबकि मानसून से पहले रोजाना हजारों की संख्या में तीर्थयात्री आ रहे थे.

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कलसिया और देवखडी नाला भारी उफान पर

पहाड़ों में हुई तेज बारिश से हल्द्वानी का कलसिया और देवखडी नाला भारी उफान पर आ गया. जिससे नाले के आसपास रहने वाले लोगों में हड़कंप मच गया, पानी का सैलाब आने से ऐसा लगा मानो पहाड़ में कहीं बादल फट गया हो, नाले का उफान देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए, सूचना मिलते ही सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम और तहसीलदार पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और नाले के आसपास रहने वाले लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया. इसके अलावा देवखड़ी नाले के तेज बहाव में एक बाइक सवार बह गया जिसकी तलाश की जा रही है. हालांकि बाइक सवार का अब तक कोई पता नहीं चला, वहीं काठगोदाम पुलिस टीम ने कलसिया नाले के पास रह रहे लोगों को घरों से निकालकर काठगोदाम इंटर कॉलेज पहुंचाया जहां उनके रहने खाने की व्यवस्था की गई है.

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नैनीताल जिले में बारिश का रेड अलर्ट

इस मामले की जानकारी मिलते ही विधायक सुमित हृदयेश भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने कलसिया नाले के पास रह रहे लोगों का हाल जानकर प्रशासनिक अधिकारियों से बात की, सुमित हृदयेश ने कहा कि यहां के लोग डर के माहौल में रह रहे हैं और उन्होंने पहले ही रकसिया और कलसिया नाले के पास रिटर्निंग बाल बनाने की बात कही थी जिसकी अनदेखी की गई, वहीं कलसिया नाले के पास रह रहे लोग भी डर के साए में नजर आए वो सभी अपने परिवार के साथ काठगोदाम इंटर कॉलेज में रह रहे हैं, इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के पास चैनेलाइजेशन का काम कर रही तीन पोकलैंड मशीन को भी सिंचाई विभाग की टीम ने बमुश्किल नदी से बाहर निकाला. नैनीताल जिले में अगले 24 घंटे के लिए फिर से रेड अलर्ट जारी किया गया है जिसको देखते हुए पुलिस, प्रशासन और एसडीआरएफ टीम हालातों पर अपनी नजर बनाए हुए हैं.

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हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण 12 सड़कें बंद

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भरमौर क्षेत्र में गुरुवार को भूस्खलन के कारण मणिमहेश डल झील का मार्ग बाधित हो गया.गोइ नाला और दोनाली के बीच हुए भूस्खलन का एक यात्री द्वारा बनाया गया 19 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. मणिमहेश यात्रा 17 अगस्त से शुरू होकर 15 सितंबर तक चलती है लेकिन श्रद्धालु और पर्यटक इस अवधि के अलावा भी यात्रा करते हैं. प्रशासन ने लोगों से इस मार्ग का उपयोग न करने को कहा है तथा इस मार्ग पर सूचना बोर्ड भी लगा दिए हैं.

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राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि पिछले सप्ताह हुई बारिश के बाद 12 सड़कों (शिमला में पांच, मंडी में चार और कांगड़ा में तीन) पर वाहनों का आवागमन बंद है. शिमला में मौसम विभाग ने शुक्रवार और शनिवार को अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की भविष्यवाणी करते हुए 'येलो अलर्ट' जारी किया है और 17 जुलाई तक लगातार बारिश होने का अनुमान जताया है.

इस बीच राज्य पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन निदेशालय ने एक बयान में कहा कि राज्य में अधिकांश सड़कें पर्यटकों और निवासियों के लिए खुली और सुलभ हैं. बयान में कहा गया है कि शिमला, मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, किन्नौर और लाहौल एवं स्पीति सहित प्रमुख पर्यटन स्थल पर्यटकों के लिए खुले हैं.

उत्तराखंड भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट

मौसम विभाग ने उत्तराखंड में भी बहुत भारी वर्षा होने की प्रबल संभावना जताई है. इसके साथ ही ऑरेंज अलर्ट भी किया है. ये ऑरेंज अलर्ट सात जिलों देहरादून, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर,चंपावत के लिए जारी किया गया है. वहीं 13 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है. राज्य के कुछ भागों में 17 जुलाई तक मानसून की बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान है. मौसम विभाग के मुताबिक ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, शिमला, सोलन व सिरमौर जिले के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है. हालांकि किन्नौर व लाहौल-स्पीति जिले के लिए किसी तरह का अलर्ट नहीं है.

(भाषा और आईएएनएस इनपुट्स के साथ)

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