उत्तराखंड में ग्लेशियर फटा, राज्य सरकार ने जारी किया हाई अलर्ट, हेल्पलाइन नंबर भी जारी: 5 अहम बातें

Uttarakhand Glacier Burst: उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में ग्लेशियर फटने से आसपास के इलाकों में बाढ़ आ गई है. राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है. सरकार ने हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद गढ़वाल क्षेत्र में अलर्ट जारी किया है.

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Uttarakhand Glacier Burst: उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ के रैणी गांव में ग्लेशियर फटने से पूरे इलाके में सैलाब आ गया है.
देहरादून:

उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में ग्लेशियर फटने से आसपास के इलाकों में बाढ़ आ गई है. राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है. सरकार ने हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद गढ़वाल क्षेत्र में अलर्ट जारी किया है. प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर भी खोले गए हैं. सरकार ने कहा है कि कोई भी प्रभावित आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकता है.

  1. राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्लेशियर फटने/टूटने की घटना के बारे में पुराने वीडियो शेयर कर अफवाह नहीं फैलाने का अनुरोध किया है. उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को ग्लेशियर फटने से आई बाढ़ से ऋषिगंगा पर बनी एक बिजली परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है. बाढ़ से चमोली जिले के निचले इलाकों में खतरा देखते हुए राज्य आपदा प्रतिवादन बल और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है.
  2. राज्य के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और लोगों से अपील की जा रही है कि वे गंगा नदी के किनारे पर न जाएं. हिमखंड टूटने की घटना पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन और चमोली की जिलाधिकारी से पूरी जानकारी प्राप्त की है. मुख्यमंत्री लगातार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और सभी संबंधित जिलों को अलर्ट कर दिया गया है.
  3. नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क से निकलने वाली ऋषिगंगा के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में टूटे हिमखंड से आई बाढ़ के कारण धौलगंगा घाटी और अलकनन्दा घाटी में नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है जिससे ऋषिगंगा और धौली गंगा के संगम पर स्थित रैणी गांव के समीप स्थित एक निजी कम्पनी की ऋषिगंगा बिजली परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा, धौली गंगा के किनारे बाढ़ के वेग के कारण जबरदस्त भू-कटाव हो रहा है.
  4. चमोली जिला प्रशासन की ओर से अलकनन्दा नदी के किनारे रह रहे लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है. ऋषिगंगा में आई बाढ़ के पानी के वेग को देखते हुए रैणी और तपोवन कस्बों में लोग दहशत में आ गए. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्रातः अचानक जोर की आवाज के साथ धौली गंगा का जलस्तर बढ़ता दिखा. पानी तूफान के आकार में आगे बढ़ रहा था और वह अपने रास्ते में आने वाली सभी चीजों को अपने साथ बहाकर ले गया.
  5. चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि मौके पर प्रशासन का दल पहुंच गया है और नुकसान का जायजा लिया जा रहा है. रैणी से लेकर श्रीनगर तक अलकनन्दा के किनारे रह रहे लोगों के लिए चेतावनी जारी कर दी गई है. रैणी में सीमा को जोड़ने वाला मुख्य मोटर मार्ग भी इस बाढ़ की चपेट में आकर बह गया है. दूसरी ओर रैणी से जोशीमठ के बीच धौली गंगा पर नेशनल थर्मल पॉवर कारपोरेशन की तपोवन विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना के बैराज स्थल के आसपास के इलाके में भी कुछ आवासीय भवन बाढ़ की चपेट में आकर बह गए हैं. (भाषा इनपुट्स के साथ)
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