उत्तराखंड की सुरंग में फंसे 34 लोगों को निकालने के लिए सेना और अर्धसैनिक बल के करीब 800 जवान दिन-रात जुटे हुए हैं. ग्लैशियर टूटने से आई बाढ़ की वजह से करीब 200 लोग लापता हो गए, जिनमें से 34 शव बरामद हुए है. 10 शवों की शिनाख्त की गई है, जिनमें से दो पुलिस कर्मी भी हैं. इसके अलावा 10 मानव अंग मिले हैं.
जिनकी शिनाख्त नहीं हुई, उनके डीएनए टेस्ट करवाये जा रहे हैं.
दो और शव मिलने से मृतकों की संख्या 34 हो गई. एक अधिकारी ने बताया कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में टनों गाद और मलबा आने के कारण बचाव अभियान में आ रही मुश्किलों को देखते हुए उसमें फंसे 30-35 लोगों को ढूंढने के लिए ड्रोन तथा रिमोट सेंसिंग उपकरणों की मदद ली जा रही है.
#WATCH उत्तराखंडः ग्लेशियर टूटने के बाद तपोवन टनल में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए टनल के अंदर राहत और बचाव अभियान जारी है। (वीडियो सोर्स-आईटीबीपी) pic.twitter.com/AusWVmSsHe
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 11, 2021
मौके पर मौजूद उत्तराखंड पुलिस के मुख्य प्रवक्ता और पुलिस उप महानिरीक्षक नीलेश आनंद भरणे ने बताया, ‘इस समय हमारा सारा फोकस हमारे पास उपलब्ध सभी संसाधानों जैसे ड्रोन और रिमोट सेंसिंग उपकरणों की मदद से सुरंग के अंदर फंसे लोगों को बचाना है.'
Uttarakhand: ITBP troops help in constructing Jhula bridge across disconnected villages in Chamoli. This will be used to transport ration from one side of the bridge to another side. pic.twitter.com/SlQrgy3We3
— ANI (@ANI) February 11, 2021
रविवार को ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी लाखों मीट्रिक टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आयी बाढ़ से 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गयी थी जबकि बुरी तरह क्षतिग्रस्त 520 मेगावाट तपोवन—विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में काम कर रहे लोग उसमें फंस गए . उसके बाद से ही वहां लगातार सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) द्वारा लगातार बचाव और तलाश अभियान चलाया जा रहा है .
Drilling operation started by rescue teams at 2:00 AM today to peep into tunnel 12 to 13 meters below: ITBP. #Uttarakhand pic.twitter.com/mtbB73mT4d
— ANI (@ANI) February 11, 2021
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भरणे ने बताया कि बचाव दल अब तक सुरंग के अंदर 80 मीटर तक पहुंच चुके हैं और अंदर फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए उन्हें टनों मलबे के बीच में से कम से कम 100 मीटर और रास्ता तय करना पडे़गा . उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर भी लापता लोगों की खोजबीन की जा रही है . उधर, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, आपदा ग्रस्त क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों से अब तक कुल 34 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 170 अन्य अभी लापता हैं. (इनपुट भाषा से भी)
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