उत्तराखंड के CM तीरथ सिंह रावत को AAP के कर्नल अजय कोठियाल ने दी गंगोत्री से चुनाव लड़ने की चुनौती

उपचुनाव और नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच उत्तराखंड के सीएम दिल्ली में मौजूद हैं. कहा जा रहा है कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने दिल्ली आए हैं.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
उत्तराखंड में खड़ा हुआ सियासी संकट
देहरादून:

उत्तराखंड के CM तीरथ सिंह रावत के खिलाफ आम आदमी पार्टी के कर्नल अजय कोठियाल ने चुनाव लड़ने की चुनौती पेश की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पाँच वर्षों में भाजपा ने उत्तराखंड को बर्बाद कर दिया. मैं सौभाग्यशाली हूं कि मेरी पार्टी ने मुझे CM @TIRATHSRAWAT के सामने गंगोत्री उपचुनाव लड़ने का मौक़ा दिया है. मैं गंगोत्री के कई गांवों में गया, लोग बहुत दुखी हैं. मुझे विश्वास है कि इस बार जनता की जीत होगी. जय हिंद.

दरअसल, उत्तराखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को 10 सितंबर से पहले विधानसभा का चुनाव लड़ कर जीतना है, क्योंकि वह अभी विधायक नहीं हैं, जबकि कर्नल अजय कोठियाल उत्तराखंड का बड़ा नाम है, जिन्होंने हाल ही में आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली है. इससे पहले आप के संगम विहार से विधायक दिनेश ने ट्वीट किया था कि भाजपा ने एलान किया है कि गंगोत्री उपचुनाव में CM तीरथ सिंह रावत जी लड़ेंगे. उन्हें मुक़ाबला देने के लिए आम आदमी पार्टी से कर्नल अजय कोठियाल जी गंगोत्री उपचुनाव लड़ेंगे, भाजपा के कुशासन के अंत का समय आ गया है.

अजय कोठियाल का नाम गंगोत्री सीट से घोषित होने के बाद उन्हें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट किया है कि कर्नल साहिब, शुभकामनाएं. आपने फ़ौज में अपनी जान की बाज़ी लगाकर देश की रक्षा की. अब उत्तराखंड आपकी ओर देख रहा है. यहां की भ्रष्ट राजनीति भी साफ़ करनी है.

Advertisement
Advertisement

उत्तराखंड के सीएम दिल्ली में मौजूद

उपचुनाव और नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच उत्तराखंड के सीएम दिल्ली में मौजूद हैं. कहा जा रहा है कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने दिल्ली आए हैं.

Advertisement

उपचुनाव में ये है अड़चन
बता दें कि जून में कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मंत्री नव प्रभात ने कहा था कि कि राज्य में संवैधानिक संकट पैदा हो रहा है और राज्य में सरकार के नेतृत्व में एक बार फिर बदलाव होगा. न्यूज एजेंसी एएनआई ने उनके हवाले से कहा है, 'उत्तराखंड में एक संवैधानिक संकट पैदा हो रहा है. वर्तमान में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत विधायक नहीं हैं. अपने पद पर बने रहने के लिए, उन्हें 9 सितंबर को छह महीने पूरे होने से पहले विधानसभा का निर्वाचित सदस्य बनना होगा. अब, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151 ए के तहत, उस स्थिति में उप-चुनाव नहीं हो सकता, जहां आम चुनाव के लिए केवल एक साल बाकी है.'

Advertisement

क्या नेतृत्व में बदलाव किया जाएगा

कांग्रेस नेता ने कहा कि गंगोत्री और हल्दवानी विधानसभा सीटें मौजूदा विधायकों की मौत की वजह से खाली हैं. उन्होंने कहा, 'उत्तराखंड में दो विधानसभा सीटें खाली हैं. मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल मार्च 2022 में खत्म होगा. इसका मतलब है कि इस विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने में 9 महीने ही बचे हैं. अगर ऐसे देखा जाए तो 9 सितंबर के बाद मुख्यमंत्री पद पर तीरथ सिंह रावत का बने रहने संभव नहीं है. ऐसे मामले में उत्तराखंड में एक बार फिर नेतृत्व में बदलाव किया जाएगा.'

उत्तराखंड के गढ़वाल से भाजपा सांसद तीरथ सिंह रावत ने इस साल मार्च महीने में त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. त्रिवेंद्र सिंह रावत को राज्य की पार्टी इकाई में मतभेद के बाद मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था. 

Featured Video Of The Day
Gyanwapi Case: हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई के बाद Supreme Court ने मुस्लिम पक्ष को दिया नोटिस
Topics mentioned in this article