उत्तराखंड और गोवा की सभी विधानसभा सीटों और यूपी में दूसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार (UP Election Campaigning) शनिवार शाम 6 बजे थम गया. इन इलाकों में 14 फरवरी को वोटडाले जाएंगे. उत्तराखंड में सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा. जबकि गोवा में 40 विधानसभा सीटें हैं. यूपी में दूसरे चरण में 55 सीटों पर मतदान हो रहा है. यूपी में 14 फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश और रुहेलखंड के 9 जिलों की 55 सीटों पर मतदान होना है. जिन जिलों में मतदान होना है, उनमें सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, रामपुर, बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर शामिल हैं. दूसरे चऱण के चुनाव के लिए यूपी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. वर्ष 2017 में इन 55 सीटों में से 38 पर बीजेपी ने कब्जा जमाया था. जबकि सपा को 15 सीटों पर कामयाबी मिली थी. कांग्रेस के खाते में भी दो सीटें आई थीं. इन इलाकों में शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए 800 अर्धसैनिक बलों की कंपनियो की तैनाती भी की गई है.
चुनाव आयोग ने भी कहा है कि उत्तराखंड और गोवा की सभी विधानसभा सीटों एवं उत्तर प्रदेश के दूसरे चरण की 55 विधानसभा सीटों के लिये साइलेंस पीरियड आज शाम 6 बजे से शुरू हो रहा है. इस दौरान, चुनाव प्रचार प्रतिबंधित है. वहीं उत्तराखंड में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रैली की. यहां कांग्रेस से कड़े मुकाबले के अलावा आम आदमी पार्टी और कई अन्य छोटे दल भी पसीना बहा रहे हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी पिछले कुछ दिनों में ताबड़तोड़ रैलियां की हैं.
उधर, यूपी विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 854 प्रत्याशियों में लगभग 147 प्रत्याशियों (25 फीसदी) के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज हैं. एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने बुधवार का ये रिपोर्ट जारी की है.
उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने यूपी विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में चुनाव लड़ रहे 586 उम्मीदवारों में से 584 के हलफनामों का अध्ययन किया है. दो उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण नहीं हो सका क्योंकि उनकी अच्छी तरह स्कैनिंग नहीं हो पायी या फिर पूर्ण हलफनामे चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किए गए थे. इन 584 में से 147 प्र्त्याशियों ने घोषित किया कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले में हैं.
जबकि 113 ने उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले लंबित होने की घोषणा की है. बड़े राजनीतिक दलों में सपा के 35, कांग्रेस के 23, बसपा के 20, बीजेपी के 18, राष्ट्रीय लोकदल के एक एक, आम आदमी पार्टी के सात उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले लंबित होने की बात स्वीकार की है. छह उम्मीदवारों के विरूद्ध महिलाओं के खिलाफ अपराध, एक पर हत्या, 18 पर हत्या की कोशिश के केस चल रहे हैं.