Video: पेपर लीक की जांच के बीच यूपी में स्‍कूल प्रिंसिपल को जबरन ऑफिस से हटाया

प्रयागराज में 11 फरवरी को पेपर शुरू होने से पहले ही सुबह पेपर लीक हुआ था. यूपी एसटीएफ ने परीक्षा केंद्र से पेपर लीक नेटवर्क में प्रयागराज के बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल के परीक्षा केंद्र व्यवस्थापक विनीत यशवंत समेत 10 आरोपियों को जेल भेज दिया था.

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प्रयागराज:

उत्‍तर प्रदेश के प्रयागराज में डायोसिस ऑफ लखनऊ (चर्च ऑफ नार्थ इंडिया) से जुड़े एक स्कूल 'बिशप जॉनसन गर्ल्स विंग' स्कूल पर कब्जे के मामले में अब डायोसिस ऑफ लखनऊ की तरफ से सफाई सामने आई है. आरोपी बिशप मॉरिस एडगर दान के मुताबिक, पूरा मामला स्कूल में हुए करोड़ों के घपले और 11 फरवरी को हुए आरओ-एआरओ पेपर लीक से जुड़ा है. बिशप के मुताबिक, बिशप जॉनसन गर्ल्स विंग' स्कूल से जुड़े स्टाफ विनीत जसवंत समेत दो लोगों को एसटीएफ ने पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था, जिसमे प्रिंसिपल पारुल सोलोमन की भूमिका भी सामने आई थी. उनके मुताबिक, पेपर लीक मामले में नाम आने के बाद ही प्रिंसिपल पर एक्शन लिया गया है, उन्हें पहले ही टर्मिनेट किया जा चुका है. पेपर लीक मामले में स्कूल का नाम सामने आने के बाद स्कूल का नाम खराब हो रहा था.

बदसलूकी के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

दरअसल, प्रयागराज में 11 फरवरी को पेपर शुरू होने से पहले ही सुबह पेपर लीक हुआ था. यूपी एसटीएफ ने परीक्षा केंद्र से पेपर लीक नेटवर्क में प्रयागराज के बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल के परीक्षा केंद्र व्यवस्थापक विनीत यशवंत समेत 10 आरोपियों को जेल भेज दिया था. इस नेटवर्क के बारे में कहा गया कि 11 फरवरी को जब पेपर ट्रेजरी से सुबह 6:30 बजे परीक्षा केंद्र पर पहुंचा, तो विनीत यशवंत की मदद से पेपर लीक कराने वाले गैंग में शामिल कमलेश कुमार पाल उर्फ केके ने मोबाइल से फोटो खींचकर पेपर लीक किया था. प्रिंसिपल पारुल सोलोमन के साथ हुई बदसलूकी के तीन वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे है.

छेड़छाड़ सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज 

बिशप के मुताबिक, प्रिंसिपल पारुल सोलोमन को बर्खास्त करने के बाद शर्ली मेसी को स्कूल का नया प्रिंसिपल बनाया गया था, लेकिन जब मेसी चार्ज लेने पहुंची, तो पारुल सोलोमन ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और जब दरवाजा खोल कर वो लोग अंदर पहुंचे, तो स्कूल के कुछ टीचर्स ने उन्हें कुर्सी से हटा दिया. बिशप का कहना है कि पारुल ने उन लोगों के खिलाफ छेड़छाड़ सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज करवाया है, जबकि वीडियो और सीसीटीवी फुटेज से साफ है कि उन्होंने पारुल को हाथ नहीं लगाया. बिशप मॉरिस एडगर दान ने कुछ अन्य वीडियो भी अधिकारियों को दिए है. हालांकि, जिस प्रिंसिपल पारुल सोलोमन के साथ हुई बदसलूकी का वीडियो सामने आया है, अभी तक उसका कोई भी बयान सामने नहीं आया है.

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प्रिंसिपल को कुर्सी सहित धकेला

बिशप की सफाई से पहले 2 जुलाई के तीन वीडियो सामने आए है. वीडियो वाइरल में बिशप सहित कुछ लोग प्रिंसिपल के रूम का ताला तोड़कर अंदर पहुंचते हैं और प्रिंसिपल का मोबाइल छीनने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं. प्रिंसिपल पारुल डोंट टच, डोंट टच कह रही हैं. इसके बाद दूसरी महिला टीचर भी मोबाइल छीनती है. थोड़ी देर में वहां मौजूद अन्य स्टाफ के लोगों ने प्रिंसिपल के सामने रखी बड़ी टेबल को हटा दिया. फिर कुर्सी पर बैठीं प्रिंसिपल को कुर्सी सहित धकेलने लगे. वहां उनकी मौजूद लोगों से छीना झपटी हुई. फिर दूसरे पक्ष के लोगों ने उन्हें कुर्सी सहित प्रिंसिपल रूम के बाहर कर दिया था और दूसरी प्रिंसिपल शर्लिन मेसी को कुर्सी पर बैठाया और वहां मौजूद अन्य स्टाफ ताली बजाकर स्वागत करता नजर आया.

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2 करोड़ 40 लाख रुपये की हेराफेरी!

मामले में कर्नलगंज थाने में प्रिंसिपल पारुल सोलोमन की तहरीर पर एनएल दान, बिशप मॉरिस एडगर दान, विनीता इसूबियस, संजीत लाल, विशाल नावेल सिंह, आरके सिंह, अरुण मोजेज, तरुण व्यास, अभिषेक व्यास और अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ है. दूसरी तरफ़ आरोपी पक्ष की तरफ से भी कुछ वीडियो पुलिस को सौंपे गए हैं. पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है. बिशप मॉरिस एडगर दान ने पारुल पर स्कूल की प्रिंसिपल रहते स्कूल से 2 करोड़ 40 लाख रुपये की हेराफेरी का भी आरोप लगाया है.

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कॉन्वेंट स्कूलों, कॉलेजों में किसका कब्जा

इस घटना से जुड़ा एक पहलू ये भी है कि डायोसिस ऑफ लखनऊ (चर्च ऑफ नार्थ इंडिया) के बिशप और अन्य पदों को लेकर लंबे समय से खींचतान जारी है. कुछ माह पहले ही बिशप पीटर बलदेव को हटाकर मॉरिस एडगर दान ने चार्ज संभाला था. पारुल सोलोमन पूर्व बिशप पीटर बलदेव की बेटी हैं. हालांकि, यह विवाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहुंचा है. इसके बाद भी डायोसिस ऑफ लखनऊ से जुड़े कॉन्वेंट स्कूलों, कॉलेजों में किसका कब्जा रहे इस बात को लेकर विवाद है. सीएनआई यानी चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के अंडर में 28 डायोसिस आते है. देशभर में कई स्कूल इनके संचालन से चलते है.  diocese ऑफ लखनऊ के अंतर्गत प्रयागराज में करीब दर्जन भर स्कूल हैं, जबकि प्रदेश भर में कई दर्जन स्कूल और संस्थाएं डायोसीस के पास हैं, जिनसे सालाना करोड़ो रूपये की आमदनी होती है. डायोसिस के सभी स्कूलो की गिनती प्रतिष्ठत स्कूल में होती है, जिनमे दाखिला लेना बडी उपलब्धि मानी जाती है.

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