उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) जिले की एक अदालत ने पेशी पर उपस्थित नहीं होने के बाद अपील पर सुनवाई के दौरान जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अक्षय प्रताप सिंह (Akshay Pratap Singh) उर्फ गोपाल जी की जमानत निरस्त कर गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. जिला सत्र न्यायाधीश संजय शंकर पाण्डेय की अदातल में पेशी के दौरान उपस्थित नहीं हुये . अपील पर सुनवाई के दौरान अदालत ने आरोपी एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह की जमानत निरस्त कर गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया.
जिला शासकीय अधिवक्ता (DGC) योगेश शर्मा ने शनिवार को बताया कि एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह को गत 24 मार्च को एमपी एमएलए अदालत से फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में हुई सात वर्ष की सजा की जिला सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में अपील कर जमानत के लिये प्रार्थना पत्र दिया दिया था, जहां उस दिन जिला सत्र न्यायाधीश का प्रभार देख रहे अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने एमपीएमएलए न्यायालय के निर्णय पर रोक लगते हुए जमानत मंजूर की थी.
उक्त मामले में 20 अप्रैल को जिला सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में सुनवाई थी लेकिन गोपाल जी उपस्थित नहीं हुए. उनके अधिवक्ता ने हाजिरी माफ़ी का प्रार्थना पत्र दिया. जिला सत्र न्यायाधीश ने 22 अप्रैल को उपरोक्त मामले में जमानत निरस्त कर अपर सत्र न्यायाधीश के निर्णय को भी निरस्त कर जमानतदारों को नोटिस जारी कर न्यायालय में समर्पण का आदेश दिया. एमएलसी गोपाल जी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह के करीबी बताये जाते हैं .