उत्तरकाशी हादसा: चप्पे-चप्पे पर जवान, युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य, मौके पर देवदूत बनकर उतरी सेना

सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि 14 राजस्थान राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर हर्षवर्धन के नेतृत्व में 150 जवानों की टीम राहत कार्य में जुटी है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • उत्तराखंड के धराली में राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है
  • कई एजेंसियों की संयुक्त टीमें मलबे में दबे लोगों को खोजने में लगी हैं
  • अब तक 250 से 300 लोग लापता हैं, छह लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक लोगों को बचाया गया है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
देहरादून:

उत्तराखंड के धराली में हुए भूस्खलन और फ्लैश फ्लड के बाद हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं. मलबे के नीचे दबे लोगों को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है. सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों की संयुक्त टीमें मौके पर डटी हुई हैं. इस अभियान में खोजी कुत्तों और ड्रोन की भी मदद ली जा रही है ताकि मलबे में दबे लोगों का पता लगाया जा सके. 

सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि 14 राजस्थान राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर हर्षवर्धन के नेतृत्व में 150 जवानों की टीम राहत कार्य में जुटी है. वहीं आईटीबीपी के पीआरओ कमलेश कुमार कमल ने बताया कि अब तक 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है. इनमें से कई को तत्काल मेडिकल सहायता दी गई है. 

कमलेश कुमार ने बताया कि आईटीबीपी की पांच टीमें पहले से ही धराली में तैनात थीं और अब 100 अतिरिक्त जवानों को भी राहत कार्य में लगाया गया है. उन्होंने कहा, "हमारे जवान हर कदम पर जिंदगी की तलाश कर रहे हैं.  मलबा हटाने का काम बेहद सावधानी से किया जा रहा है क्योंकि हर फुट के नीचे कोई जिंदगी हो सकती है. 

अब तक आईटीबीपी ने 56 लोगों को कल और 40 से अधिक लोगों को आज सुरक्षित निकाला है. एक शव भी बरामद किया गया है. राहत कार्य में जेसीबी और अन्य आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है. मलबे की मोटाई 7 से 8 फुट तक बताई जा रही है, जिससे बचाव कार्य और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है. 

मौसम की मार ने हालात को और कठिन बना दिया है. लगातार बारिश और सड़क मार्ग के टूटने से राहत सामग्री पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं.  हालांकि बीआरओ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी मौके पर मौजूद हैं और सभी एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं. 

कमलेश कुमार ने बताया कि हेलिकॉप्टर सेवाओं के लिए भी समन्वय किया जा रहा है ताकि गंभीर रूप से घायल लोगों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जा सके.  उन्होंने कहा, "हम अनुमान नहीं लगा सकते कि कितने लोग अभी भी मलबे में दबे हैं, लेकिन हमारा प्रयास है कि एक भी जान बचाई जा सके."

Advertisement

अभी भी 250 से 300 लोग हैं लापता

उत्तरकाशी के धराली गांव मे आई आपदा में अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है और करीबन 250 से 300 लोग लापता बताए जा रहे हैं वहीं 200 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया है लेकिन अभी भी कई लोग अपने परिजनों को तलाश करने के लिए अब उत्तरकाशी की तरफ आ रहे हैं. एनडीटीवी ने नेपाली नागरिक से बातचीत की और उन्होंने बताया कि अपने लोगों को ढूंढने के लिए वह धराली गांव की तरफ जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके 25 लोग जिसमें बच्चे औरतें भी शामिल है उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है. जहां आर्मी का बेस कैंप था वहां पर इनका भी बेस कैंप था और यह सड़क बनाने का काम करते थे. 

राहत और बचाव कार्य में हेलीकॉप्टरों से भी ली जाएगी मदद

जमीन से लेकर आसमान तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.  UCADA के दो हेलीकॉप्टर हर्षिल के लिए रवाना हो गए हैं. जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर स्टैंडबाय में और भी हेलीकॉप्टरों को रखा गया है. 
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
iMPower Academy, कमजोर स्किल्स वाले युवाओं को स्किल्स से किया सशक्त | M3M Foundation