'बाहर फायरिंग होती थी... 6 बजे ही बंकर में छुप जाते थे...: सुमी से भारत लौटे छात्र ने सुनाई आपबीती

सुमी से भारत लौटे छात्र पीयूष ने अपनी आपबीती सुनाई और NDTV को बताया कि कैसे उन्होंने बर्फ को पिघलाकर पानी का इंतजाम किया.

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यूक्रेन के सुमी शहर में 600 से अधिक भारतीय छात्र फंसे हुए थे.

नई दिल्ली:

रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच सुमी में फंसे भारतीय छात्रों को भारत सरकार द्वारा वहां से निकाला जा रहा है और धीरे-धीरे इनकी स्वदेश वापसी हो रही है. सुमी से भारत लौटे छात्र पीयूष ने अपनी आपबीती सुनाई और NDTV को बताया कि कैसे उन्होंने बर्फ को पिघलाकर पानी का इंतजाम किया. पीयूष के अनुसार युद्ध शुरू होने के बाद उन्होंने बंकर में अपनी रातें गुजारी. पीयूष ने बताया कि युद्ध के कारण वहां पर पानी, बिजली और इंटरनेट जैसी कोई सुविधा नहीं थे. इंटरनेट नहीं होने के कारण वो अपने परिवार वालों से बात तक नहीं कर पा रहे हैं. इतना ही नहीं उनके पास पीने का पानी भी नहीं था. पानी न होने के कारण उन्होंने बर्फ को पिघलाया और उस पानी का प्रयोग कपड़े धोने और पाने के लिए किया.

पीयूष ने आगे बताया कि रूसी हमले से बचने के लिए वो और अन्य लोग शाम को 6 बजे ही बंकर के अंदर चले जाते थे और सुबह 4 बजे के बाद ही वहां से निकलते थे. रात के समय काफी फायरिंग होती थी.

जिस तरह से भारत सरकार ने उन्हें वे अन्य छात्रों को वहां से निकाला है, उसके लिए पीयूष ने सरकार को धन्यवाद किया है. पीयूष के अनुसार भारत सरकार ने सुमी से लगभग हर भारतीय छात्र को निकाल दिया गया है. एयर इंडिया के विमान से आज ही ग्वालियर के रहने वाले पीयूष भारत लौटे हैं और देश आकर बेहद ही खुश हैं.

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बता दें कि सुमी में 600 से अधिक भारतीय छात्र फंसे हुए थे. यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की वतन वापसी के लिए सरकार द्वारा Operation Ganga चलाया गया है.

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