अमेरिका कोविशील्ड वैक्सीन के उत्पादन के लिए कच्चा माल भेजेगा. कोरोना के खिलाफ कारगर इस वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए इसकी तत्काल आवश्यकता महसूस की जा रही है. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (US National Security Advisor Jake Sullivan ) जेक सुलीवान ने भारत में अपने समकक्ष एनएसए अजीत डोभाल से बातचीत के लिए यह जानकारी दी. दोनों अधिकारियों के बीच कोरोना के खिलाफ जंग के तमाम पहलुओं पर बातचीत हुई.अमेरिका ( United States) ने कहा है कि वह कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए तुरंत जरूरी कच्चे माल का स्रोत भारत को उपलब्ध कराएगा.
कच्चे माल की कमी के कारण वैक्सीन की उत्पादन क्षमता ज्यादा नहीं बढ़ पा रही है. जबकि ज्यादा कोरोना वैक्सीन के लिए वकालत कर रहे हैं. सुलीवान ने कहा कि उनके देश ने थेरेपेटिक्स, रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट्स, वेंटिलेटर्स और पीपीई सूट भारत को उपलब्ध कराएगा.
यूएस डेवलपमेंट फाइनेंस कारपोरेशन (डीएफसी) BioE के लिए उत्पादन क्षमता के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण फंडिंग कर रहा है. बायोई (BioE) भी वैक्सीन निर्माता कंपनी है. इससे कोविड-19 वैक्सीन की 2022 के अंत तक एक अरब खुराक का उत्पादन हो पाएगा. अमेरिका अपनी शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) और USAID के जन स्वास्थ्य सलाहकारों की विशेषज्ञ टीम की भी तैनाती करेगा, जो अमेरिकी दूतावास, भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय और महामारी खुफिया सेवा स्टाफ के साथ प्रगाढ़ सहयोग के साथ काम करेंगे.
अमेरिका भारत को ऑक्सीजन उत्पादन के उपकरण और अन्य संबधित सामग्री भी उपलब्ध कराने के विकल्पों पर विचार कर रही है. यूएस-इंडिया स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) और उसके सदस्यों ने अमेरिकी सरकार की सराहना की, जो संकट के इस समय में भारत के साथ उच्चतम स्तर पर सहयोग के क्षेत्रों की पहचान में जुटी है. जल्द ही ऑक्सीजन, मेडिसिन, चिकित्सा सामग्री और वैक्सीन को लेकर भारत की जरूरतों को पूरा करने की मुहिम शुरू होगी.