भारत को 'प्रतिद्वंद्वी' की तरह देखता है चीन, US और दूसरे देशों के साथ रिश्ते खराब कराना चाहता है : रिपोर्ट

अमेरिका ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि चीन तरक्की करते हुए भारत को अपने प्रतिद्वंद्वी की तरह देखता है कि चाहता है कि उसके रिश्ते अमेरिका और दूसरे लोकतांत्रिक देशों से खराब हो जाएं.

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अमेरिकी विदेश विभाग ने चीन पर अपने पॉलिसी डॉक्यूमेंट में अहम रिपोर्ट दी है.
वॉशिंगटन:

अमेरिकी विदेश मंत्रालय (US State Department) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि चीन तरक्की करते हुए भारत (India-China Ties) को अपने प्रतिद्वंद्वी की तरह देखता है कि चाहता है कि उसके रिश्ते अमेरिका और दूसरे लोकतांत्रिक देशों से खराब हो जाएं. इस रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है कि चीन, अमेरिका को दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश की जगह से हटाना चाहता है.

डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के जाने और चुने गए नए राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के बीच सत्ता हस्तांतरण के पहले विस्तृत पॉलिसी में कहा गया है कि चीन इलाके में कई देशों की सुरक्षा, स्वायत्तता और अर्थव्यवस्था के हितों को नुकसान पहुंचा रहा है. 

इस रिपोर्ट में कहा गया है, 'चीन भारत की तरक्की को प्रतिद्वंद्वी की तरह देखता है और आर्थिक मोर्च पर अपनी महात्वाकांक्षाएं पूरी करने के लिए इसका इस्तेमाल करना चाहता है. साथ ही वो चाहता है कि नई दिल्ली के अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया के साथ रणनीतिक साझेदारी और दूसरे लोकतांत्रिक देशों के साथ उसके रिश्ते खराब हो जाएं.' इसमें यह भी कहा गया है कि 'चीन इलाके में आसियान देशों के सदस्य देशों, अहम मेकांग क्षेत्र और प्रशांत महासागर के द्वीपों की स्वायत्तता, सुरक्षा और आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचा रहा है.'

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70 पन्नों के इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और दूसरे देशों के बीच इस बात को लेकर जागरूकता फैल रही है कि चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने दुनिया को एक नए शक्ति को लेकर प्रतिस्पर्धा के युग में धकेल दिया है. इसमें कहा गया है कि चीन पूरी दुनिया में खुद को शक्ति का केंद्र बनाना चाहता है और इलाके में यह धारणा बनाने की कोशिश कर रहा है कि उसके उदय को कोई नहीं रोक सकता है यानी कि सबसे शक्तिशाली देश के रूप में उसका उदय निश्चित है. उसके निशाने पर अहम रूप से अमेरिका के ट्रीटी-बेस्ड सहयोगी देश जापान, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड और फिलीपींस हैं, वहीं भारत, वियतनाम, इंडोनेशिया और ताइवान जैसे रणनीतिक साझेदार भी शामिल हैं. 'ऐसे में अमेरिका को आजादी सुनिश्चित करना पड़ेगा.'

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इस रिपोर्ट में पूर्वी लद्दाख में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की भारतीय सेना के साथ हिंसक झड़प का जिक्र भी किया गया है, जिसमें दोनों पक्षों के जवानों की जानें गई थीं. वहीं, चीन के ताइवान के साथ तनावपूर्ण संबंधों का भी उदाहरण दिया गया है. चीन ताइवान को अपना भूखंड बताता है, जिसका ताइवान विरोध करता आया है.

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Video: लद्दाख को चीन का हिस्सा बताने पर ट्विटर ने माफी मांगी

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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