संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) की सेना ने शनिवार को इस्लामिक स्टेट (ISIS) के ठिकानों पर ड्रोन से हवाई हमला किया है. अफगानिस्तान (Afghanistan) में एक आईएस सदस्य पर काबुल एयरपोर्ट पर विनाशकारी आत्मघाती बम विस्फोट के 48 घंटे से भी कम समय में अमेरिका की यह बड़ी कार्रवाई है. दो दिन पहले काबुल एयरपोर्ट पर हुए विस्फोट में 13 अमेरिकी सैनिकों के अलावा 78 अफगान मारे गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी ISIS-K ने ली थी.
अमेरिकी सेना ने दावा किया कि उसने काबुल हवाई अड्डे पर घातक आत्मघाती बम विस्फोट की जिम्मेदारी लेने वाले इस्लामिक स्टेट-खोरासन के एक "योजनाकार" के खिलाफ ड्रोन हमला किया है और उसे मार गिराया है.
मध्य कमान के कैप्टन बिल अर्बन ने कहा, "मानवरहित हवाई हमला अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में किया गया है और शुरुआती संकेत हैं कि हमने लक्ष्य को मार गिराया है." इस हमले के बाद पहली अमेरिकी हमले की घोषणा करते हुए उन्होंने एक बयान में कहा, "हमें किसी भी नागरिक के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है."
यह एयरस्ट्राइक अफगानिस्तान के बाहर से शुरू की गई है. गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले के बाद भी कड़ी सुरक्षा के बीच वहां से लोगों को निकालने का काम जारी है. काबुल विस्फोट में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि विस्फोट के बाद बंदूकधारियों ने गोलीबारी की, जिससे नरसंहार और बढ़ गया. इस हमले को इस्लामिक स्टेट समूह की हिंसक अफगान शाखा ने अंजाम दिया था.
अमेरिका ने ये ड्रोन हमला अफगानिस्तान से बाहर किसी अज्ञात स्थान से अंजाम दिया है. इससे संकेत साफ हैं कि अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से पूरी तरह बाहर निकलने के बाद भी आतंकी ठिकानों को निशाना बना सकती है. उधर, अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट के विभिन्न गेट पर मौजूद अपने नागरिकों से तुरंत वहां से हटने को कहा है. आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए यह निर्देश दिया गया है