जर्मनी ने कहा, अमेरिका और मित्र देश सभी क्वालिफाइड अफगानियों को 31 अगस्त तक नहीं निकाल सकते : AFP

मास ने बिल्ड टीवी को बताया, "मुझे पहले ही कहना होगा कि निकासी की प्रक्रिया 31 अगस्त तक या उसके कुछ दिन बाद तक भी जारी रहे तो यह उन लोगों के लिए पर्याप्त नहीं होगा जिन्हें हम या अमेरिका, बाहर ले जाना चाहते हैं."

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बर्लिन:

अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद लगभग सभी देश अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी (Evacuation) सुनिश्चित करने में जुटे हैं. इस बीच जर्मनी के विदेश मंत्री हेइको मास ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका द्वारा वापसी के लिए निर्धारित डेडलाइन 31 अगस्त से पहले पश्चिमी देश हर उन अफगानियों को बाहर नहीं निकाल सकते, जिन्हें काबुल से निकलने के लिए सुरक्षा की जरूरत है. 

मास ने बिल्ड टीवी को बताया, "मुझे पहले ही कहना होगा कि निकासी की प्रक्रिया 31 अगस्त तक या उसके कुछ दिन बाद तक भी जारी रहे तो यह उन लोगों के लिए पर्याप्त नहीं होगा जिन्हें हम या अमेरिका, बाहर ले जाना चाहते हैं."

अमेरिका और उसके मित्र देशों को यह योजना बनानी चाहिए कि वे अफगानिस्तान से लोगों को कैसे निकाल सकते हैं, भले ही सैन्य अभियान निर्धारित समय के अनुसार समाप्त हो जाए.

अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान की वापसी से उत्पन्न हुए संकट पर मंगलवार को जी-7 देशों की बैठक में बातचीत होनी है. यूरोपियों सहयोगी ने अमेरिका से अफगानिस्तान में अपने सेना की तैनाती की समयसीमा को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है.

जर्मनी के विदेश मंत्री ने कहा कि यदि 31 अगस्त की समयसीमा बरकरार रहती है तो अमेरिका को " निश्चित रूप से सिर्फ अपने सैनिकों को बाहर निकालने के लिए दो दिनों की जरूरत होगी."

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