UPSC के पास मुझे अयोग्य करार देने की शक्ति नहीं : पूजा खेडकर ने दिल्ली HC में दाखिल किया जवाब

पूजा खेडकर 2023 बैच की ट्रेनी IAS ऑफिसर थीं. उन्हें सिविल सर्विसेज एग्जाम 2022 में 841वीं रैंक मिली थी. मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक एकेडमी में उनकी जून 2024 से ट्रेनिंग चल रही थी. पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने आरक्षण का लाभ लेने के लिए UPSC को अपने बारे में गलत जानकारियां दीं.

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नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के पुणे में 34 साल की ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर अपने UPSC सिलेक्शन को लेकर विवादों में हैं. उनपर UPSC CSE-2022 परीक्षा में शामिल होने के अपनी पर्सनल इंफॉर्मेंशन और डिसएबिलिटी को लेकर गलत जानकारी देने का आरोप है. UPSC ने उन्हें अयोग्य करार दिया है. इस मामले को लेकर पूजा खेडकर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. बुधवार को उन्हें हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया. इसमें उन्होंने सारे आरोपों को नकारा है. अपने जवाब में पूजा खेडकर ने कहा, "एक बार प्रोवेशनरी ऑफिसर के रूप में सिलेक्ट और अपॉइंट होने के बाद  UPSC के पास उम्मीदवारी को अयोग्य घोषित करने की शक्ति नहीं रहती है."

पूजा खेडकर ने अदालत में कहा कि अब उनके खिलाफ केंद्र सरकार का कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ही कार्रवाई कर सकता है. उन्होंने दावा किया कि 2012 से 2022 तक उनके नाम या सरनेम में कोई बदलाव नहीं हुआ है. पूजा ने यह भी दावा किया कि उन्होंने UPSC को अपने बारे में कोई गलत जानकारी नहीं दी है.

कमीशन ने मेरे डॉक्युमेंंट्स को नहीं पाया गलत
उन्होंने कहा, "UPSC ने बायोमेट्रिक डेटा के जरिए मेरी पहचान को वेरिफाई किया. कमीशन ने मेरी ओर से पेश किए गए डॉक्युमेंट्स को फेक या गलत नहीं पाया था. मेरे एजुकेशनल सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, डेट ऑफ बर्थ और बाकी पर्सनल इंफॉर्मेशन बिल्कुल सही पाए गए थे."

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डिसएबिलिटी भी मिली सही
पूजा खेडकर ने अपने जवाब में कहा, "DoPT की ओर से भी सभी जरूरी वेरिफिकेशन किए गए. DoPT के मुताबिक, AIIMS की ओर से गठित मेडिकल बोर्ड ने मेरा मेडिकल किया. बोर्ड ने मेरी डिसएबिलिटी को 47% तक और PwBD कैटेगरी के लिए जरूरी 40% डिसएबिलिटी से ज्यादा पाया."

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2023 बैच की ट्रेनी IAS ऑफिसर थीं पूजा खेडकर
पूजा खेडकर 2023 बैच की ट्रेनी IAS ऑफिसर थीं. उन्हें सिविल सर्विसेज एग्जाम 2022 में 841वीं रैंक मिली थी. मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक एकेडमी में उनकी जून 2024 से ट्रेनिंग चल रही थी. पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने आरक्षण का लाभ लेने के लिए UPSC को अपने बारे में गलत जानकारियां दीं.

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पूजा पर UPSC एग्जाम के लिए अपनी उम्र, अपने मां-बाप से जुड़ी गलत जानकारी देने का भी आरोप है. UPSC के मुताबिक, पूजा खेडकर ने अपनी पहचान छिपाकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेज का एग्जाम देने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र और दिव्यांगकता का सर्टिफिकेट बनवाया था. 

UPSC ने पाया धोखाधड़ी का दोषी
UPSC ने अपनी इंटर्नल इन्क्वॉयरी में पूजा खेडकर को धोखाधड़ी का दोषी पाया था. इसके बाद UPSC ने 31 जुलाई 2024 को उनका चयन रद्द कर दिया था. इसके बाद पूजा खेडकर भविष्य में किसी भी एग्जाम में नहीं बैठ सकेंगी. इस मामले में उनके खिलाफ UPSC की ओर से FIR दर्ज करायी गई है. लिहाजा उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. 

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गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट पहुंचीं पूजा खेडकर
पूजा खेडकर अपनी गिरफ्तारी पर रोक की मांग को लेकर दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट पहुंची थीं. पटियाला कोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद पूजा ने 8 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई. जिसके बाद हाईकोर्ट ने 12 अगस्त को पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी. पूजा ने अग्रिम जमानत की मांग की है.


 

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