त्रिपुरा में विधानसभा की कार्यवाही में बाधा डालने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी दलों के पांच विधायकों को दिन भर के लिए निलंबित कर दिया गया. हालांकि, बाद में उनका निलंबन रद्द कर दिया गया. दरअसल, बजट सत्र शुरू होने के कुछ मिनट बाद ही टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी), सीपीआई-एम और कांग्रेस से जुड़े विपक्षी नेताओं ने भाजपा विधायक जादब लाल देबनाथ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी.
इस साल की शुरुआत में भाजपा विधायक जादब लाल देबनाथ विधानसभा में एक आपत्तिजनक वीडियो देखते हुए पाए गए थे. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष के नेता अनिमेष देबबर्मा ने भाजपा विधायक के विवाद पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया, जिसे अध्यक्ष ने खारिज कर दिया. इसके बाद विपक्षी नेताओं का विरोध शुरू हो गया.
जब राज्य के वित्त मंत्री प्रणजीत सिंघा रॉय ने 2023-24 के लिए वार्षिक बजट पेश करना शुरू किया, तभी विपक्षी विधायकों ने नारे लगाने शुरू कर दिए. जिसकी वजह से विधानसभा में काफी देर तक हंगामा होते रहा. सभी विधायक एक चेन बनाकर खड़े हो गए और कुछ टेबल के करीब पहुंच गए.
इस हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष, बिस्वा बंधु सेन ने पांच विधायकों सुदीप रॉय बर्मन (कांग्रेस), नयन सरकार (सीपीआई-एम) और बृशकेतु देबबर्मा, नंदिता रियांग और रंजीत देबबर्मा (टीएमपी) को निलंबित करने की घोषणा की.
इसके बाद सभी विपक्षी नेताओं ने स्पीकर के फैसले का विरोध करते हुए और भाजपा विधायक जादब लाल देबनाथ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग करते हुए वॉकआउट किया.