नीतीश की कैबिनेट के मंत्रिमंडल में कई मंत्रियों को शामिल किया गया है, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को इस बार कोई जगह नहीं मिली. उनका नाम शामिल ना होना ही कई तरह की अटकलों को जन्म दे रहा है. बताया जा रहा है कि उपेंद्र फिलहाल नीतीश कुमार से काफी समय से नाराज़ चल रहे हैं और आज उन्होंने इस पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है.
Koo App"मेरे लिए पद बड़ा नहीं, मिशन बड़ा है, आइडियोलॉजी बड़ी है।" बिहार से बाहर होने के कारण मेरे बारे में अनेक तरह की भ्रामक एवं अनाप-शनाप खबरें प्रचारित की गई है और की जा रही है। ऐसी अनर्गल बातों को हवा देने वाले महानुभावों को यह मालूम होना चाहिए कि अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी पद नहीं मिलने पर उपेंद्र कुशवाहा ने नाराजगी नहीं जताई, बल्कि कई बार अपनी नाराज़गी जताने के लिए बड़े-बड़े पदों को लात जरुर मारी है। इतिहास गवाह है मेरे लिए पद बड़ा नहीं, मिशन बड़ा है, आइडियोलॉजी बड़ी है।- Upendra Kushwaha (@upendrajdu) 20 Aug 2022
नीतीश कुमार एक साफ छवि के नेता हैं . बिहार में नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ फिर से अपनी सरकार बनाने वाले नेता हैं, जो आज कल राजनीति के सुर्ख़ियों में बने हुए हैं. उनका हर एक कदम कोई न कोई सुर्खियां या बहस को जन्म दे ही देता है. ऐसा ही एक फैसला रहा उपेंद्र कुशवाहा को मंत्रिमंडल में शामिल ना करने का भी. अब उपेंद्र कुशवाहा को मंत्री पद नहीं दिया गया, ऐसे में राजनीति के गलियारों में एक हवा और चलने लगी है कि वे नीतीश और तेजस्वी यादव की इस सरकार खफा चल रहे हैं.
Koo AppPart 2 And with a special mission to thwart the conspiracy to destroy this ideology, I decided to merge my party with JD(U). Because the conclusion of all our colleagues was and is that not only at the level of the state, but at the level of the entire country, Shri Nitish Kumar is the only leader of such a hardworking, experienced and clean image, under whose leadership this ideology can be saved and increased. Therefore, I want to say this solemnly that working for the party organization is the biggest religion for us today.- Upendra Kushwaha (@upendrajdu) 20 Aug 2022
हमें पद नहीं विचारधारा को बदलना ज़रूरी हैं - उपेंद्र कुशवाहा
अब इस पूरे विवाद पर उपेंद्र कुशवाहा ने चुप्पी तोड़ दी है. उन्होंने नाराजगी वाली खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है. जोर देकर कहा गया है कि उनके लिए पद से ज्यादा विचारधारा मायने रखती है. वे कहते हैं कि बिहार से बाहर होने के कारण मेरे बारे में अनेक तरह की भ्रामक और अनाप-शनाप खबरें प्रचारित की गई है और की जा रही है. ऐसी अनर्गल बातों को हवा देने वाले महानुभावों को यह मालूम होना चाहिए कि अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी पद नहीं मिलने पर उपेंद्र कुशवाहा ने नाराजगी नहीं जताई, बल्कि कई बार अपनी नाराज़गी जताने के लिए बड़े-बड़े पदों को लात जरूर मारी है.