यूपी सरकार ने Liv.52 और सिस्टोन सिरप से हटाया बैन, मेडिकल स्टोर्स को इन दवाओं के स्टॉक की परमिशन

Liv.52 बनाने वाली कंपनी हिमालया वैलनेस ने इस फैसले पर खुशी जाहिर की है. कंपनी ने बताया, "Liv.52 टेबलेट्स और सिस्टोन सिरप को ड्रग लाइसेंसिंग अथॉरिटीज़ द्वारा अनुमोदित लाइसेंस के अनुरूप निर्मित और वितरित किया जाता है."

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नई दिल्ली/लखनऊ:

उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने लिव.52  (Liv.52)और सिस्टोन सिरप (Cystone Syrup)पर लगा बैन वापस ले लिया है. बीते दिनों क्षेत्रीय आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारियों ने 32 आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री पर बैन लगा दिया था. इसमें Liv.52  और सिस्टोन सिरप भी शामिल था. लेकिन अब बैन हटने के बाद मेडिकल स्टोर्स को इन दोनों प्रोडक्ट के स्टॉक करने और बेचने की परमिशन है.

गौतमबुद्ध नगर के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी ने मंगलवार को एक बयान जारी कर इन दोनों दवाओं की बिक्री और निर्माण पर लगी रोक को हटाने की घोषणा की. ये फैसला आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा विभाग के एक आधिकारिक आदेश के बाद आया, जिसमें Liv.52 और सिस्टोन सिरप के प्रोडक्शन और बिक्री को तुरंत फिर से शुरू करने की परमिशन दी गई थी.

Liv.52 बनाने वाली कंपनी हिमालया वैलनेस ने इस फैसले पर खुशी जाहिर की है. कंपनी ने बताया, "Liv.52  टेबलेट्स और सिस्टोन सिरप को ड्रग लाइसेंसिंग अथॉरिटीज़ द्वारा अनुमोदित लाइसेंस के अनुरूप निर्मित और वितरित किया जाता है. इन उत्पादों के लेबल भी इस अनुमोदित लाइसेंस के अनुपालन में हैं. इसलिए ये उत्पाद बिक्री के लिए सुरक्षित हैं." 

हिमालया वैलनेस कंपनी की CFO और COO जयश्री उलाल ने कहा, "हम आयुष मंत्रालय धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने हिमालया द्वारा मौजूदा दस्तावेजों के साथ मामला उठाए जाने पर इस मामले में त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए कार्रवाई की." उन्होंने आगे कहा, "हम अपने ग्राहकों, डॉक्टर्स, फिज़िशियंस, वितरकों, ट्रेड पार्टनर्स और अपने फील्ड स्टाफ की सराहना करते हुए उनके शुक्रगुजार हैं. Liv.52  और सिस्टोन 66 सालों से 64 देशों में बेचे जा रहे हैं. पूरी दुनिया के डॉक्टरों द्वारा इसका परामर्श दिया जाता है. हमें अपने ग्राहकों को सेवाएं देने की खुशी है, जो सालों से हम पर भरोसा करते आ रहे हैं."

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भारत के अग्रणी हर्बल हेल्थकेयर ब्रांड्स में शामिल है हिमालया वैलनेस
जयश्री उलाल ने कहा, "हिमालया वैलनेस कंपनी भारत के अग्रणी हर्बल हेल्थकेयर ब्रांड्स में से एक है. हमें एक स्वदेश में विकसित भारतीय कंपनी होने पर गर्व है, जो 1930 से आयुर्वेद के विज्ञान का उपयोग कर रही है. हम आयुष मंत्रालय के नियमों के अंतर्गत और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट, 1940 और उसके अंतर्गत आने वाले नियमों के अनुसार सभी नियमों और गुणवत्ता मानकों का पालन करते हैं. हम अपने उपभोक्ताओं की सुरक्षा और अपने उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

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इन दवाओं में मिली मिलावट
जांच में पता चला है कि विश्वास गुड़ हेल्थ कैप्सूल, पेननिल चूर्ण, एज फिट चूर्ण, अमृत आयुर्वेदिक चूर्ण, स्लीमेक्स चूर्ण, दर्द मुक्ति चूर्ण, आर्थोनिल चूर्ण, योगी केयर, माइकान गोल्ड कैप्सूल, डाइबिंट शुगर केयर टैबलेट, हाइपावर मूसली कैप्सूल, डाइबियोग केयर, झंडू लालिमा ब्लड एंड स्किन प्यूरीफायर हेल्थ गुड़ सीरप, हेपलिव डीएस सीरप, सिस्टोन सीरप, बायना प्लस ऑयल, वातारिन ऑयल, न्यू रिविल और बोस्टा एमआर टैबलेट में मिलावट है. इन दवाओं के सैंपल जुलाई और अगस्त 2023 में लिए गए थे. जांच रिपोर्ट मार्च 2024 में आई. 
 

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