यूपी : शिक्षक ने छात्रा की गरीबी और निचली जात से होने पर की टिप्पणी, बच्ची की आत्महत्या -पुलिस 

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतक लड़की की मां की शिकायत के आधार पर शिक्षकों के खिलाफ उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने की एफआईआर दर्ज कर लिया गया है. हम मामले की जांच कर रहे हैं.  

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यूपी में एक छात्रा ने शिक्षिका के तानों से तंग आकर की आत्महत्या (प्रतीकात्म चित्र)
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में एक 14 वर्षीय छात्रा द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है. मृतक छात्रा का अपराध सिर्फ यह था कि वह गरीब थी और निचली जाति से थी और जब उसे वास्तव में भुगतान की गई राशि से कम राशि की फीस रसीद दी गई तो उसने एक शिक्षक से इसे लेकर सवाल किया था. पुलिस ने फिलहाल इस मामले में एफआईआर दर्ज कर अपनी जां शुरू कर दी है. यह घटना मुजफ्फरनगर में एक शिक्षक द्वारा छात्रों को अपने एक सहपाठी को बारी-बारी से थप्पड़ मारने के लिए कहने की घटना के कुछ दिनों बाद ही सामने आई है. 

पुलिस के अनुसार आयशा बानो (बदला हुआ नाम) बाराबंकी जिले के अजीमुद्दीन अशरफ इस्लामिया इंटर कॉलेज की छात्रा थी.  उनकी मां ने कहा कि मेरे पति की 2018 में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई और परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई थी. बड़ी मुश्किल से, मैं 2022 में आयशा और उसकी छोटी बहन को स्कूल में दाखिला दिलाने में कामयाब रही. 

शिक्षिका ने की थी टिप्पणी

पुलिस की जांच में पता चला है कि 27 मई को आयशा ने स्कूल फीस के तौर पर 1100 रुपये का भुगतान किया था. लेकिन वासफि खातून (शिक्षिका) ने उसे 1100 रुपये से कम की रसीद दी. इसके बाद जब आयशा ने शिक्षिका से पूछा कि जब उसने फीस के पूरे पैसे भरे हैं तो उसे कम भुगतान की रसीद क्यों दी गई है, पर शिक्षिका ने कहा कि गरीब और निचली जात की होने के बाद भी वह ऐसे व्यवहार कर रही है जैसे की वह किसी ऊंची जात से हो. 

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आयशा ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है

पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस घटना के बाद वासफि और एक अन्य पुरुष शिक्षिक समय-समय पर आयशा का सभी छात्रों के सामने उसकी गरीबी और जात को लेकर तंज कसने लगे. आयशा शिक्षकों के इस बर्ताव से काफी परेशान होने लगी. चार अगस्त को आयशा ने खुदको अपने ही घर पर फांसी लगा ली. आयशा ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें लिखा है कि उसने यह कदम अपने शिक्षकों के लगातार तंज कसने और उसकी गरीबी और जात का मजाक उड़ाने की वजह से उठाया है. 

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आयशा की मां ने बताया कि मैंने चार-पांच दिनों तक बार-बार पुलिस से संपर्क किया लेकिन उन्होंने एफआईआर दर्ज नहीं की. पुलिस ने कुछ दिन पहले ही जब हम एसपी साहेब से मिले तो जाकर हमारी एफआईआर दर्ज की गई.  आयशा की आत्महत्या के बाद शिक्षकों को कहना है कि उसका चरित्र ठीक नहीं था, यही वजह थी कि उसने ऐसा कदम उठाया. 

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एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतक लड़की की मां की शिकायत के आधार पर शिक्षकों के खिलाफ उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने की एफआईआर दर्ज कर लिया गया है. हम मामले की जांच कर रहे हैं. 

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स्कूल के प्रिंसिपल ने कही ये बात

स्कूल के प्रिंसिपल  जमशेद अहमद ने शिक्षकों पर लगे आरोपों को सिरे से नकाराते हुए कहा कि मृतक लड़की का परिवार अपना सरनेम चेंज करवाना चाहता था. वो चाहते थे कि उनके सरनेम में खान को जोड़ा जाए लेकिन सरनेम बदलने के लिए उन्होंने जरूरी दस्तावेज कभी जमा नहीं किए. 

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