क्या अब यूपी में नहीं होंगे पुरुष टेलर ? महिला आयोग का ये फैसला चर्चा में

महिलाओं की सुरक्षा (Women Security) के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जाने का प्रस्ताव यूपी राज्य महिला आयोग ने दिया है. उनका कहना है कि बुटीक पर महिलाओं का नाप लेने के लिए लेडीज टेलर होनी चाहिए. इसका मतलब साफ है कि महिलाओं का नाप कोई पुरुष दर्जी नहीं ले.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

महिला सुरक्षा को लेकर फरमान पर यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष.

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा (UP Women Security) को लेकर राज्य महिला आयोग ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है. इसके बाद सवाल ये भी है कि क्या यूपी में अब पुरुष टेलर नहीं होंगे. दरअसल आयोग चाहता है कि जिन जगहों पर महिलाओं से जुड़ी सेवाएं दी जाती हैं, वहां पर पुरुषों की बजाय महिलाकर्मी होनी चाहिए. बुटीक में पुरुष की जगह महिला दर्जी महिलाओं (Women Tailor) का नाप लें. वहीं पार्लरों में भी लड़के उनको न छुएं, वहां महिलाकर्मी हों, जो उनको सेवाएं दे सकें. यहां तक कि उन्होंने कपड़ों की दुकानों में भी पुरुष की जगह महिलाकर्मियों को रखे जाने और सीसीटीवी आवश्यक रूप से लगाए जाने की वकालत की है. इस फैसले पर  यूपी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान नेएनडीटीवी से खास बातचीत की है.

ये भी पढ़ें-यूपी में 'लेडीज टेलर' मर्द नहीं चलेगा! आयोग का अजब-गजब फरमान

सुरक्षा के साथ रोजगार भी मिलेगा

 यूपी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान ने कहा कि इस फ़ैसले से महिलाओं की सुरक्षा भी बढ़ेगी और महिलाओं के लिए नौकरी और रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे. बबीता चौहान ने कहा कि अगर कोई महिला जिम और योगा सेंटर में पुरुष इंस्ट्रक्टर से ट्रेनिंग लेना चाहती है तो उसे ये लिखकर देना होगा. उन्होंने कहा कि अभी ये फैसला हुआ ही है. आने वाले समय में इस फैसले को लागू कराने के उपाय किए जाएंगे.

पुरुष ट्रेनर से ट्रेनिंग की बात लिखित में देनी होगी

महिला आयोग ने ये भी साफ किया है कि अगर कोई महिला जिम या योगा सेंटरों में पुरुष से ही ट्रेनिंग लेना चाहती है तो ये बात उसे लिखित में देनी होगी. इसके अलावा सभी महिलाओं के लिए महिला ट्रेनर ही होनी चाहिए. उनका मानना है कि इस तरह के उपायों के जरिए राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है. 

महिलाओं को सुरक्षित रखने का तरीका

अक्सर इस तरह की खबरें सामने आती हैं कि स्कूल बस में ड्राइवर या किसी अन्य पुरुषकर्मी ने बच्ची के साथ छेड़छाड़ की या फिर कपड़े का नाम देते समय उनको गलत तरीके से छूआ गया. महिला आयोग का मानना है कि उनके इस तरह के फैसले से महिलाओं की सुरक्षा काफी हद तक सुनिश्चित की जा सकती है.

Advertisement

महिलाओं के लिए बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

आयोग के इस फैसले का मकसद सिर्फ महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाना ही नहीं बल्कि महिलाओं के लिए रोजगार के नए मौके पैदा करना भी है. अगर जिम, पार्लर, योगा सेंटर, स्कूल बसों, कपड़ों की दुकानों समेत तमाम जगहों पर महिसाकर्मी होंगी तो इसेस उनके लिए रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा होंगे और उनको काम मिलेगा. 
 

Advertisement