दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है. लेकिन अब उत्तर प्रदेश में यमुना नदी उफान पर है. जलस्तर बढ़ने से हादसे भी हो रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, सहारनपुर के चिलकाना उपखंड में तैनात जूनियर इंजीनियर प्रमोद कुमार बुधवार को लाइन ठीक कराते समय पैर फिसलने से यमुना नदी में बह गए. उनकी तलाश में गोताखोर लगाए गए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, जेई प्रमोद कुमार चिलकाना क्षेत्र में यमुनापार काम कर रहे थे. इसी दौरान उनका पैर फिसल गया और वो नदी में बह गए. पिछले 2 घंटे से सीओ सदर, चिलकाना पुलिस और रेस्क्यू टीम जेई की तलाश में जुटी है. अभी तक उनकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. सर्च ऑपरेशन जारी है. विद्युत विभाग के उच्चाधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं.
बता दें कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत, बदायूं, मथुरा, आगरा समेत कई जिलों में बाढ़ का पानी बहुत तेजी से ऊपर बढ़ रहा है. सोमवार दोपहर 12 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना, काली और कृष्णा नदी में जलस्तर खतरे के निशान से बीते 12 घंटे में लगभग डेढ़ गुना बढ़ गया है. बाढ़ के खतरे के आगाह करते हुए संबंधित जिलों को सतर्क किया गया है.
अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे दिल्ली के यमुना खादर इलाके में पहुंचे पानी का जल स्तर कुछ कम हो रहा है, वैसे-वैसे ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बह रही यमुना में जलस्तर बढ़ता जा रहा है. यही वजह है कि मंत्रालय ने इन सभी इलाकों में बाढ़ के खतरे के चलते आबादी वाले इलाकों को खाली कराने की चेतावनी दी है. हालांकि, इस चेतावनी के बाद भी बाढ़ ने यूपी में अपना कहर ढाना शुरू कर दिया है.