यूपी के वाराणसी जिले की पुलिस ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचई (Google CEO Sundar Pichai) सहित 18 लोगों के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की छवि खराब करने वाले कथित वीडियो को लेकर मामला दर्ज किया है. हालांकि बाद में केस से गूगल के अधिकारियों के नाम हटा दिए गए. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पिचई और गूगल के तीन अधिकारियों के नाम जांच के बाद प्राथमिकी से हटा दिए गए हैं. इस मामले में शिकायकर्ता ने दावा किया है कि अक्टूबर में व्हाट्सएप पर एक वीडियो आया था, जिसमें प्रधानमंत्री के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की गई थी. बाद में यह वीडियो यूट्यूब पर भी पांच लाख से ज्यादा बार देखा गया.
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शिकायतकर्ता ने कहा कि वीडियो पर आपत्ति जताने पर उसे 8,500 से ज्यादा बाद धमकी भरे फोन आए. भेलूपुर थाने में छह फरवरी को दर्ज एफआईआर में पिचई के अलावा संजय कुमार समेत गूगल भारत के 3 अधिकारी नामजद थे. जिन्हें बाद में हटाया गया. गूगल ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है. मामले में गाजीपुर के एक गायक का नाम भी शामिल है. आरोप है कि उसने ही यह वीडियो बनाया था. भेलूपुरा के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि एफआईआर में शामिल नहीं होने की बात सामने आने पर गूगल के अधिकारियों के नाम उसी दिन प्राथमिकी से हटा दिए गए थे. शेष बिन्दुओं पर जांच चल रही है.
क्या है पूरा मामला
भेलूपुर इलाके के गौरीगंज के रहने वाले गिरिजा शंकर जायसवाल ने तहरीर में बताया कि उनको व्हाट्सऐप के जरिए एक वीडियो मिला था. इस वीडियो में गाजीपुर के विशनपुरा के रहने वाले सिंगर विशाल सिंह उर्फ गाजीपुरी और उनकी पत्नी सपना बौद्ध समेत कई लोगों गीत गा रहे हैं. इसमें पीएम मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है. वीडियो में पीएम के संबंध में देश को बेचने जैसी अमर्यादित बात कही गई है. जिसके बाद गिरिजा शंकर ने विशाल गाजीपुरी को फोन कर इस पर आपत्ति जताई, तो इस बात को लेकर विशाल ने उनके खिलाफ ही जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज करा दिया और उनका मोबाइल नंबर यूट्यूब पर डाल दिया.
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गिरजा शंकर का कहना है कि यूट्यूब पर मेरा फोन नंबर डालने की वजह से अब तक 8500 से भी ज्यादा धमकी भरे फोन आ चुके हैं. साथ ही विशाल के समर्थकों ने फोन कर उन्हें धमकी देना शुरू कर दिया. इसकी शिकायत गिरिजा शंकर ने पुलिस में की. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होते देख उन्होंने अदालत की शरण ली. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ धारा 504, 506, 500, 120बी 67 आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है. वहीं, पहले गूगल के सीईओ सुंदर पिचई के खिलाफ आईटी ऐक्ट और साजिश रचने की धाराएं लगाई गई थी. लेकिन ताजा जानकारी के मुताबिक पुलिस ने केस से उनका नाम हटा लिया है. पुलिस का मानना है कि अगर विवेचना में गूगल के सीईओ और गूगल इंडिया से जुड़े तीन लोगों के खिलाफ कोई पुष्टिकारक साक्ष्य नहीं मिले तो साक्ष्य न होने पर पुलिस उनके खिलाफ जांच नही कर सकती, जबकि अन्य 14 आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे की विवेचना जारी रहेगी.
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