'जाको राखे साइयां मार सके ना कोई' ये दोहा तो आपने कई बार सुना होगा लेकिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुरादाबाद (Muradabad) में यह चरितार्थ होता भी नजर आया. दरअसल, उत्तर प्रदेश में एक सड़क दुर्घटना के बाद मृत घोषित किए गए 45 साल का एक शख्स फ्रीजर में एक रात गुजारने के बाद जिंदा हो गया. मालूम हो कि यूपी के मुरादाबाद में मोटरसाइकिल की टक्कर से घायल हुए श्रीकेश कुमार को गंभीर हालत में एक क्लिनिक में लाया गया था.
बहादुरगढ़ में ट्रक ने मारी कार को टक्कर, 8 की मौत, गोगामेड़ी से दर्शन करके लौट रहा था परिवार
आगे के इलाज के लिए उसे एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद शुक्रवार को किये जाने वाले पोस्टमार्टम (Postmortem) के लिए उसका शव सरकारी अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक राजेंद्र कुमार ने रविवार को न्यूज एजेंसी AFP से बातचीत में बताया, 'इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने उसकी जांच की. उसमें जिंदा होने के कोई लक्षण नहीं दिख रहे थे, इसलिए उसे मृत घोषित कर दिया गया.'
डॉक्टरों ने कहा कि घटना की जानकारी पुलिस को दी गई और उसके परिवारवालों के पहुंचने तक शव को मुर्दाघर में रख दिया गया. उन्होंने कहा, 'लगभग छह घंटे बाद जब पुलिस की टीम और उसका परिवार शव के पास कागजी कार्रवाई शुरू करने के लिए पहुंचे तो उस शख्स की सांसें चल रहीं थी.' कुमार ने बताया कि शख्स का फिर से इलाज शुरू किया गया, हालांकि वह अभी भी कोमा में है. उन्होंने कहा, 'यह किसी चमत्कार से कम नहीं है.' डॉक्टरों ने गलती से उसे मृत कैसे घोषित कर दिया, इसकी जांच की जा रही है.
लेम्बोर्गिनी अवेंटाडोर रात में दुर्घटना के बाद सड़क पर छोड़ी गई मिली