बीजेपी ने एमएलसी चुनाव में सपा छोड़कर आए दलबदलुओं पर लगाया दांव, 30 प्रत्याशियों की लिस्ट

बीजेपी ने इलाहाबाद स्थानीय निकाय से के. पी. श्रीवास्तव को भी अपना उम्मीदवार बनाया है.उत्तर प्रदेश की 100 सदस्यीय विधान परिषद में वर्तमान में भाजपा के 35 सदस्य, सपा के 17 और बीएसपी के चार सदस्य हैं.

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UP MLC चुनाव में 35 विधानपरिषद सीटों पर होगा मतदान (प्रतीकात्मक)

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद अब राज्य में विधानपरिषद चुनाव को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है. बीजेपी ने एमएलसी चुनाव में सपा छोड़कर आए कई दलबदलुओं को भी टिकट दिया है.  बीजेपी ने जिन 30 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं, उनमें से तमाम ऐसे नेता हैं जो प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सपा छोड़कर पार्टी में शामिल हुए थे. विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद बीजेपी यूपी विधान परिषद की 36 सीटों पर भी जीत हासिल करना चाहती है.विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव नौ अप्रैल को होने हैं. यूपी के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि उच्च सदन की 36 सीटें 35 स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों में हैं, जहां 9 अप्रैल को मतदान और 12 अप्रैल को मतगणना होगी.

बीजेपी के मुख्य उम्मीदवारों में कांग्रेस के पूर्व एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह (रायबरेली), पूर्व बसपा नेता रामचंद्र प्रधान (लखनऊ-उन्नाव) और यूपी बीजेपी महासचिव अनूप गुप्ता (खीरी) शामिल है. सपा से भाजपा में शामिल हुए सीपी चंद (गोरखपुर-महाराजगंज), रविशंकर सिंह 'पप्पू' (बलिया), राम निरंजन (झांसी-जालौन-ललितपुर) और नरेंद्र भाटी (बुलंदशहर) को भी टिकट मिला है. विधानसभा चुनाव से पहले कई सपा विधानपरिषद सदस्य (एमएलसी) - नरेंद्र सिंह भाटी, शतरूद प्रकाश, राम निरंजन, रविशंकर सिंह पप्पू, सीपी चंद, घनश्याम लोधी, शैलेंद्र प्रताप सिंह और रमेश मिश्रा बीजेपी में शामिल हो गए थे.

बीजेपी ने इलाहाबाद स्थानीय निकाय से के. पी. श्रीवास्तव को भी अपना उम्मीदवार बनाया है.उत्तर प्रदेश की 100 सदस्यीय विधान परिषद में वर्तमान में भाजपा के 35 सदस्य, सपा के 17 और बीएसपी के चार सदस्य हैं. विधान परिषद में कांग्रेस, अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य हैं. फिलहाल 37 सीटें खाली हैं.  परिषद में विपक्ष के नेता अहमद हसन का पिछले दिनों लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. विधानसभा चुनाव से पहले सपा के कई विधान पार्षद भाजपा में शामिल हो गए थे. इनमें नरेंद्र सिंह भाटी, शतरुद्र प्रकाश, रमा निरंजन, रविशंकर सिंह पप्पू, सीपी चंद्र, घनश्याम लोधी, शैलेंद्र प्रताप सिंह और रमेश मिश्रा प्रमुख हैं. बसपा के विधान पार्षद सुरेश कश्यप भी भाजपा में शामिल हो गए.

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आयोग ने 28 जनवरी को घोषणा की थी कि द्विवार्षिक विधान परिषद चुनाव तीन और सात मार्च को दो चरणों में होंगे. मतगणना 12 मार्च को होनी थी. लेकिन अब दोनों चरणों में नौ अप्रैल को मतदान होगा और 12 अप्रैल को मतगणना होगी. सदस्यों का कार्यकाल सात मार्च को समाप्त हो गया. उल्लेखनीय है कि मथुरा-एटा-मैनपुरी स्थानीय प्राधिकरण के निर्वाचन क्षेत्र में दो सीटें हैं. इसके लिए अलग-अलग चुनाव होंगे. हाल में विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 255 सीटें जीती हैं, जबकि अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी ने क्रमशः12 और 6 सीटें जीती हैं.

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विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 111 सीटें जीती हैं, जबकि उसकी सहयोगी लोक दल ने 8 सीटें और एक अन्य सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने 6 सीटों पर जीत हासिल की है. कांग्रेस ने दो सीटें जीती हैं, जबकि बसपा ने एक सीट जीती है.विधान परिषद चुनावों पर यूपी बीजेपी के महामंत्री जेपीएस राठौर ने कहा कि इस चुनाव में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत के सदस्य और प्रखंड प्रमुख, जिला पंचायत के सदस्य और अध्यक्ष, नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद और नगर निगमों के पार्षद तथा अध्यक्ष मतदाता होंगे और इनके अलावा विधायक और सांसद भी अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे.

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