उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री सतीश शर्मा का शिवलिंग के अरघे में हाथ धोने का वीडियो वायरल होने के बाद इसको लेकर विवाद पैदा हो गया है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इसको लेकर मंत्री को पद से हटाने की मांग की है. इधर घटना को लेकर विवाद के बाद मंत्री ने माफी मांगी. उन्होंने कहा कि वो सपने में भी सनातनी आस्था के अनादर की बात नहीं सोच सकते और अगर उनके इस आचारण से किसी को पीड़ा हुई है तो वह उसके लिये क्षमाप्रार्थी हैं.
वहीं, मंदिर के पुजारी का कहना है कि राज्य मंत्री के हाथ में प्रसाद की सामग्री लगी थी, लिहाजा अरघे में हाथ धुलवाया गया और इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
बताया जा रहा है कि सतीश शर्मा और जिले के प्रभारी मंत्री जितिन प्रसाद रामनगर तहसील के हेतमापुर गांव में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित करने पहुंचे थे. इसी दौरान दोनों ने पौराणिक मंदिर में पूजा-अर्चना की थी.
इस घटना पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए राज्य मंत्री पर सनातन धर्म का अपमान करने का आरोप लगाया और उन्हें पद से हटाने की मांग की है.
सपा के वरिष्ठ नेता सुनील सिंह ने कहा, ''यही काम अगर किसी और जाति के नेता ने किया होता, तो अब तक भाजपाइयों ने उसका निष्कासन करा दिया होता. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस अधर्मी मंत्री का निष्कासन कब करेंगे. यही भाजपा का असली चरित्र है कि पहले धर्म के नाम पर वोट मांगेंगे और बाद में अधर्म के काम करेंगे.''
इस बीच, मामला तूल पकड़ने पर राज्यमंत्री सतीश शर्मा ने कहा कि अगर उनके कार्य से किसी को पीड़ा हुई है तो वह क्षमा चाहते हैं.
शर्मा ने विपक्ष पर इस मुद्दे को बेवजह तूल देने का आरोप भी लगाया.
इस बीच, लोधेश्वर महादेव मंदिर के पुरोहित आदित्य तिवारी ने कहा कि मंत्री के हाथ में पूजा का चंदन लगा हुआ था और उन्होंने अरघे में हाथ धोकर कुछ गलत नहीं किया है.
तिवारी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''मंत्री सतीश शर्मा के हाथ में पूजा करने के बाद चंदन आदि लगा हुआ था. उन्होंने अपने हाथ धुलने को कहा, तो शिवलिंग के बगल में धुलवा दिया गया. ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि वह प्रसाद के रूप था. इसमें कुछ भी गलत नहीं है.''
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राज्य मंत्री शर्मा का बचाव करते हुए कहा, ''सपा और कांग्रेस बेशर्मी की सीमा पार कर रहे हैं. इतनी बड़ी बात तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के बेटे (उदायनिधि स्टालिन) ने बोली है, उस पर तो इन पार्टियों ने मौन साध रखा है. सतीश शर्मा परम शिवभक्त हैं. उनको इस प्रकार से प्रचारित करने का कोई औचित्य ही नहीं है.''